कांग्रेस ने रेल बजट को मालदार हामी क़रार देते हुए इस पर तन्क़ीद की। साबिक़ वज़ीर रेलवे मल्लिकार्जुन खरगे ने पुरज़ोर अंदाज़ में कहा कि किसी भी नई स्कीम से आम आदमी को फ़ायदा नहीं पहुंचता। ये बजट वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी की आबाई रियासत की ख़ुशनुदी हासिल करने के मक़सद से तैयार किया गया है चुनांचे नई रेलवे लाईन बिछाने का मंसूबा बनाया गया है।
उन्होंने मुंबई । अहमदाबाद सेक्टर के लिए बुलेट ट्रेन का आग़ाज़ करने और डाइमंड को आडरी लाईटरल नैटवर्क क़ायम करने के मंसूबा का भी मज़ाक़ उड़ाया। उन्होंने कहा कि हुकूमत इस प्रोजेक्ट के लिए 100 करोड़ रुपये फ़राहम कररही है, जबकि इस रक़म से 4 ता 5 किलोमीटर तवील रेलवे लाईन तामीर की जा सकती है।
इस लिए ये मंसूबा सिर्फ़ एक मंसूबा नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि कई ऐलानात किए गए हैं लेकिन वो सिर्फ़ ऐलानात ही रहेंगे। ये सरकारी-ख़ानगी शराकतदारी और रास्त ग़ैरमुल्की सरमायादारी का बजट है, रेल बजट नहीं है। इस बजट का ग़रीबों से कोई ताल्लुक़ नहीं है। एक और साबिक़ वज़ीर रेलवे पवन कुमार बंसल ने भी मौजूदा वज़ीर रेलवे पर तन्क़ीद करते हुए कहा कि उन्होंने रेलवे बजट में कोई नई बात नहीं कही है।