बोगी में फंसी एक मेडिकल स्टूडेंट ने 12 घंटे तक मौत से संघर्ष किया। इस दौरान वह अपने घर वालों से फोन पर बात भी करती रही। कई बार बेहोश हुई और होश आया तो घर वालों को व्हाट्स एप पर मैसेज भी किए। एनडीआरएफ ने उसे निकाला तो बाहर आते ही सदमे से उसकी सांस थम गई।
वह लोगों से मदद की गुहार लगाती रही लेकिन इस तरह फंसी थी कि कोई उसे निकाल नहीं पा रहा था।उसके कमर के नीचे का हिस्सा फंस गया था। इसलिए निकल नहीं पा रही थी। दोपहर तीन बजे एनडीआरएफ की टीम उस तक पहुंची तो वह बात कर रही थी। जैसे ही टीम ने उसे निकाला वैसे ही दम तोड़ दिया।
टीम के सदस्यों ने जब मोबाइल देखा तो खुलासा हुआ कि वह कोच में फंसे होने के दौरान कई लोगों को फोन कर चुकी थी। कॉल डिटेल के आधार पर फोन मिलाया गया| कोमल की बुआ के लड़के ने फोन उठाया और अपना नाम आलोक सिंह बताया । एनडीआरएफ की टीम ने उसे हादसे में कोमल की मौत की जानकारी दी।