हैदराबाद 27 जून नोट बराए वोट केस के मुल्ज़िम तेलुगु देशम रुकने असेंबली ए रेवेंथ् रेड्डी की दरख़ास्त ज़मानत की समाअत मुकम्मिल हुई और हाईकोर्ट ने अपने फ़ैसले को 30 जून तक महफ़ूज़ कर दिया।
सीनईर एडवोकेट सुधारता ने तेलुगु देशम रुकने असेंबली की पैरवी करते हुए अदालत ने ये इस्तिदलाल पेश किया कि नोट बराए वोट केस में एंटी करप्शन ब्यूरो ने सी आर पी सी के दफ़ा 144 के तहत 17 गवाहों के बयानात रजिस्टर्ड के रूबरू क़लमबंद करवाए हैं।
उन्होंने बताया कि उनके मुवक्किल और दुसरे तीन मुल्ज़िमीन को ब्यूरो के ओहदेदारों ने पूछताछ की है और रेड्डी के मकान पर ए सी बी ने धावा करते हुए वहां पर तलाशी ली।
एडवोकेट जनरल रामा कृष्णा रेड्डी ने दरख़ास्त ज़मानत की मुख़ालिफ़त करते हुए अदालत को बताया कि फॉरेंसिक लेबारेटरी से आडीयो वीडीयो टेप्स के तजज़िया की रिपोर्ट हनूज़ दरकार है और मुल्ज़िम रुकने असेंबली की ज़मानत मंज़ूर करना मनासिब नहीं है।
राम कृष्णा रेड्डी ने अदालत को ये बताया कि नामज़द रुकने असेंबली एल्वेस स्टीफ़नसन को 50 लाख की रिश्वत की पेशकश और बक़ाया 4.5 करोड़ रक़म का वादा करने के ज़ाओए की तहक़ीक़ात जारी है ।
राम कृष्णा रेड्डी ने अपनी बहज़ में अदालत को हैरत अंगेज़ बात बताई जिस में ये दावे किया गया है कि स्टीफ़नसन की तर्ज़ पर मज़ीद 10 अरकाने असेंबली को ख़रीदे जाने पर हुकूमत ज़वालपज़ीर होने का डर् है।