रेस्क्यू कराये गये झारखंड के 217 बच्चे

ह्यूमन ट्रैफिकिंग के शिकार 217 बच्चों को केरल के पालाघाट, त्रिचुर और कोच्ची से रेस्क्यू कराया गया है। झारखंड से आठ-दस लोग बच्चों को ट्रेन से यतीम बच्चे के तौर पर कोच्ची ले गये थे।

मुश्तबा हालत में इन बच्चों को केरल हुकूमत के चिल्ड्रेन वेलफेयर कमेटी ने पकड़ा था। जानकारी के मुताबिक रेस्क्यू किये गये बच्चों में ज़्यादातर मुसलिम लड़कियां हैं। पहली बार इतनी बड़ी तादाद में झारखंड के बच्चों की तस्करी का मामला सामने आया है।

ज़्यादातर बच्चे गोड्डा के हैं

केरल में चाइल्ड वेलफेयर कमेटी से झारखंड हुकूमत का वफद बात कर रहा है। वफद में लेबर कमिश्नर मनीष रंजन, समाज फ्लाह व बोहबुद महकमा के ओहदेदार, भारतीय किसान यूनियन, सेव द चिल्ड्रेन अदारा के वफद शामिल हैं। रेस्क्यू किये गये बच्चों में ज़्यादातर गोड्डा जिले के बताये जा रहे हैं। वहीं केरल सरकार की तरफ से पुलिस सुप्रीटेंडेंट ,मैजिस्ट्रेट व दीगर अफसरों को लगाया गया है। इस मामले में शामिल कई लोगों को केरल पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। रियासत के लेबर मंसूबा बंदी और तरबियत सेक्रेटरी राहुल शर्मा का कहना है कि पकड़े गये बच्चे झारखंड, बंगाल, बिहार और दीगर रियासतों के हैं। जानकारी के मुताबिक झारखंड से हो रहे ह्यूमन ट्रैफि किंग का यह सबसे बड़ा मामला है। पहले भी रियासत के बच्चों को मुल्क के मुखतलिफ़ शहरों से रेस्क्यू कर लाया गया है।

अब तक छुड़ाये जा चुके हैं 170 से ज़्यादा बच्चे

सिर्फ 2013-14 में घरेलू नौकरों की तरह दूसरे रियासतों में काम कर रही दारुल हुकूमत रांची, खूंटी, लोहरदगा, साहेबगंज और दीगर जिलों की 170 से ज़्यादा बच्चियों को छुड़ा कर रांची लाया गया है। इतना ही नहीं छुड़ायी गयी बच्चियों का दाख्ला कस्तूरबा गांधी स्कूल में कराया गया। यह मामला साबिक़ वजीरे आला अर्जुन मुंडा ने उठाया था।