रैगिंग करते पकड़े गये तो तीन साल की जेल

रांची 5 जुलाई : तालीम अदारों में नये सेहन की शुरुआत हो चुकी है। इस दौरान ज्यादातर नये तालिब इल्म रैगिंग के नाम पर सहमे रहते हैं। हालांकि हाल के कुछ सालों में रैगिंग की वारदात के बाद कई कदम उठाये गये हैं। इनमें एंटी रैगिंग सेल का तशकील करना भी शामिल है। इस सेल के बावजूद तालीम अदारों में रैगिंग की वारदात पर मुकम्मिल तौर पर रोक नहीं लगाया जा सका है।

आये दिन रैगिंग की छिटपुट वारदात सामने आती रहती हैं। रैगिंग के खिलाफ जिला कानूनी खिदमत इख्तियार की तरफ से वक़्त पर बेदारी मुहीम चलाया जाता रहा है। यूजीसी के गाइड लाइन के तहत तमाम अहम कॉलेजों में एंटी रैगिंग सेल का तशकील हुआ है। यूनिवर्सिटी सतह पर भी एक सेल है। कई कॉलेजों के प्रिंसिपल से बात करने पर उन्होंने कहा कि एडमिशन के वक़्त ही स्टूडेंट्स को रैगिंग नहीं करने से मुताल्लिक हलफ फॉर्म भरना पड़ता है।

रैगिंग का मुजरिम पाये जाने पर यह सजा मिल सकती है

रैगिंग करने के मुजरिम पाये जाने पर रैगिंग की नवइयत के मुताबिक सजा दी जाती है। संगीन नवइयत की रैगिंग करने वाले तालिब इल्म को तीन साल का क़ैद बा मुश्क़्क़त और 25 हजार रुपये का जुर्माना काबिल ओहदेदार की तरफ से लगाया जा सकता है।

इसके अलावा तालिब इल्म को तालीम अदारे से खारिज किया जा सकता है। उनका नामज़दगी मनसुख हो सकता है। क्लास से मुअतिल किया जा सकता है। स्कालरशिप और दीगर फ़वायद से भी महरूम किया जा सकता है। उनका एग्जाम रिजल्ट रोका जा सकता है। उन्हें किसी भी दीगर तालीम अदारे में दाखला लेने, बैन अल क्वामी सेमिनार में शिरक़त लेने से महरूम किया जा सकता है। (जेल और जुर्माना की सजा अदालत की तरफ से दी जाती है। बाकी सजा देने का हक तालीम अदारों को भी है।)