रोमिंग चार्जस की बर्ख़ास्तगी पर वज़ारत-ए-दाख़िला को एतराज़

एक मुल़्क एक नंबर पर वीज़न जिसके ज़रीया सारिफ़ीन (ग्राहको) को रोमिंग चार्जस की अदायगी से नैशनल टेलीकाम पालिसी 2012 के तहत असतसनी दिया गया है , इसे रियासत जम्मू-ओ-कश्मीर और शुमाल मशरिक़ी रियास्तों में नाक़ाबिल इत्तिला तसव्वुर किया जा रहा है क्योंकि वज़ारत-ए-दाख़िला ( गृह मंत्रालय) ने वहां प्रीपेड मोबाईल सारिफ़ीन ( ग्राहको‍) को रोमिंग सहूलयात फ़राहम करने पर तहदीदात आइद कर रखी हैं ।

NTP-12 जिसे मर्कज़ी काबीना ने गुज़शता हफ़्ता ही मंज़ूरी दी है और जिस के फ़ौरी बाद तन्क़ीदों और एतराज़ात का एक लामतनाही सिलसिला शुरू हो गया है ,वज़ारत-ए-दाख़िला से महकमा टेलीकाम को हिदायत दी है कि नंबर पोर्टाबिटी से मरबूत तमाम पालिसीयों को वज़ा करने से क़ब्ल ला इं‍फ़ोर्समेंट एजेंसीयों से मुशावरत की जाए ।

एक मुल़्क एक नंबर पालिसी पर वज़ारत एजेंसीयों से मुशावरत की जाये । एक मुल़्क एक नंबर पालिसी पर वज़ारत-ए-दाख़िला ने कहा कि रोमिंग चार्जस बर्ख़ास्त कर देने में कोई क़बाहत नहीं है लेकिन वक़तन फ़वक़तन बाअज़ (कुछ) देहातों और इलाक़ों में रोमिंग सहूलयात की फ़राहमी पर तहदीदात भी आइद होनी चाहीए जिस का वाहिद मक़सद सिक्योरीटी है और इस तरह जम्मू-ओ-कश्मीर और शुमाली मशरिक़ी रियास्तें इन तहदीदात की ज़द में आयेंगी क्योंकि यहां प्रीपेड सारिफ़ीन पर वज़ारत-ए-दाख़िला रोमिंग सहूलयात पर तहदीदात आइद कर रखी है।