चंडीगढ़: बुधवार को हरियाणा पुलिस ने रोहतक में एक 21 वर्षीय दलित महिला के साथ कथित सामूहिक बलात्कार की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया। इस मामले में एसआईटी को 90 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है |
एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस (कानून एवं व्यवस्था) मोहम्मद अकिल ने रोहतक अस्पताल में पीड़िता से मुलाक़ात की और एसआईटी के गठन का आदेश दिया।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने यहां एक राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के मौके पर संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि एसआईटी के सदस्यों के रूप में दो डीएसपी होंगे ।उन्होंने कहा कि जाँच में शिकायतकर्ता और आरोपी के डीएनए के भी मिलान किया जाएगा। जिसने भी ये किया है उसे क़ानून का सामना करना होगा हम आपको निष्पक्ष जाँच का आश्वासन देते हैं |
पुलिस महानिदेशक केपी सिंह ने कल यहां बताया था कि पीड़िता के साथ भिवानी में 3 साल पहले गैंग रेप किया गया था जिसके बाद 13 जुलाई को रोहतक जिले में पांच व्यक्तियों द्वारा दुबारा ये अपराध किया गया इस गैंगरेप में इससे पहले किये गये गैंग रेप में शामिल 2 आरोपी भी शामिल हैं |ये दोनों अपराधी ज़मानत पर बाहर थे |
ये मामला कल लोकसभा में भी उठाया गया था |
विज ने कहा कि भाजपा सरकार महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों के प्रति संवेदनशील है जब भी इस तरह का मामला सामने आया है हमने तुरंत कार्यवाही करने की कोशिश की है |
इस मामले में कल तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया जिन्हें रोहतक की अदालत ने आज चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया ।
इस बीच, विपक्षी कांग्रेस ने हरियाणा में भाजपा सरकार की खिंचाई की और आरोप लगाया है कि महिलाएं राज्य में असुरक्षित महसूस कर रही हैं |
हरियाणा कांग्रेस विधायक दल की नेता (सीएलपी) किरण चौधरी ने आरोप लगाया कि दलित महिला से तीन साल के भीतर अपराधियों द्वारा फिर से बलात्कार किया गया | राज्य में अनगिनत संख्या में हर दूसरे दिन हो रही इस तरह की घटनाएँ प्रशासन और पुलिस की असंवेदनशीलता को दर्शाती हैं |
उन्होंने राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था विशेष रूप से महिलाओं के खिलाफ अपराधों बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति के लिए मनोहर लाल खट्टर सरकार की खिंचाई की है, और मामले में आरोपी बाकी दो लोगों की गिरफ़्तारी के लिए भी तत्काल क़दम उठाने की मांग की |
उन्होंने अपने एक बयान में कहा कि ये घटना भाजपा सरकार द्वारा जो राज्य में कानून-व्यवस्था पर अपने ऊंचे दावे पेश करती है उनको उजागर करने के साथ सरकार की असंवेदनशीलता को दर्शाता है | दलित लड़की से रेप के आरोपियों की ज़मानत का सरकार ने विरोध क्यूँ नहीं किया, जब आरोपियों को ज़मानत दी गयी तो लड़की और उसके परिवार को रोहतक स्थानांतरित कर दिया गया लेकिन पर्याप्त पुलिस संरक्षण नहीं दिया गया |