रोहनगया मुस्लिम पनाहगज़ीनों से सिक्योरिटी मसला

हैदराबाद और साइबराबाद हुदूद में पनाह लेने वाले म्यांमार के मुस्लिम पनाहगज़ीन शहर कीसिक्योरिटी के लिए मसला बने हुए हैं। ख़ासकर जिन पनाहगज़ीनों पर नज़र नहीं रखी जा रही है उनके बाइस सिक्योरिटी की तशवीशनाक सूरत-ए-हाल पैदा हो रही है।

साइबराबाद पुलिस ने रोहनगया मुस्लिम पनाहगज़ीनों पर नज़र रखने के लिए अक़वाम-ए-मुत्तहिदा हाई कमिशनर बराए पनाहगज़ीन से तआवुन की ख़ाहिश की है। ये लोग म्यांमार से जान बचाकर निकलने के बाद हैदराबाद में मुक़ीम है।

साइबराबाद पुलिस कमिशनर सी वि आनंद ने कहा कि जिन पनाह गज़ीनों पर नज़र नहीं रखी जा रही है वो हैदराबाद और साइबराबाद हुदूद में सिक्योरिटी का मसला बन रहे हैं।

इन पनाहगज़ीनों को रिकार्ड में रखते हुए तवील मुद्दती वीज़ा दिया जाना चाहीए और उनके लिए अक़वाम-ए-मुत्तहिदा हाई कमिशनर बराए पनाहगज़ीन का कार्ड भी दिया जाये ताके मुक़ामी पुलिस और इंटेलिजेंस उन पर नज़र रख सकीं।

एक एन जी ओ कौवा के रिकार्ड के मुताबिक़ 1806 म्यांमार पनाहगज़ीन के नाम दर्ज रजिस्टर्ड हैं उसकी अमली तसदीक़ हुई है सिर्फ़ 1725 पनाहगज़ीन ही हैदराबाद और साइबराबाद पुलिस के कैंपस में मुक़ीम पाए गए।

इन में से सिर्फ़ 461 म्यांमार पनाहगज़ीनों को अक़वाम-ए-मुत्तहिदा के कार्ड जारी किए गए हैं। ये पनाहगज़ीन बालापुर , बाबानगर , बारकस , शाहीननगर और किशनबाग़ में मुक़ीम हैं।

अक़वाम-ए-मुत्तहिदा कनवेनशन के तहत जंगज़दा ममालिक जैसे सोमालीया , एथोपीया , इराक़ , अफ़्ग़ानिस्तान और म्यांमार से पनाह गज़ीनों की बड़ी तादाद गै़रक़ानूनी तौर पर मुल्क में दाख़िल हुई है। इन में से कई अफ़राद ने वोटर शनाख़ती कार्ड , आधार कार्ड , सिम कार्ड्स भी हासिल करलिए हैं। उन पर सिक्योरिटी एजेंसीयों और मुक़ामी पुलिस की निगरानी नहीं है जो तशवीश की बात है।