रोहिंग्या नरसंहार पर म्यांमार के राष्ट्रपति का विवादित बयान, कहा- ‘शुभ रहा साल’

संकट पर म्यांमा के राष्ट्रपति ने सेना की ओर से चलाए गए सफाई अभियान की प्रशंसा की है। रोहिंग्या संकट पर ऐसा कहकर उन्होंने एक अलग ही तस्वीर पेश की। उन्होंने रोहिंग्या संकट के केंद्र और हिंसा की चपेट में रहे रखाइन प्रांत के लिए इस साल को ‘शुभ’ करार दिया है।

गौर हो, सेना की ओर से चलाए गए ‘सफाई अभियान’ के बाद अगस्त 2017 से लेकर अब तक इस प्रांत से 720,000 रोहिंग्या पलायन कर चुके हैं। इनमें से बड़ी संख्या में रोहिंग्या शरणार्थी पड़ोसी देश बांग्लादेश जा चुके हैं।

म्यांमा में उन्हें बलात्कार, आगजनी और जनसंहार जैसी घटनाओं का सामना करना पड़ा। जबकि संयुक्त राष्ट्र के जांच अधिकारियों की ओर से इस सब को सेना के जनरलों की ओर से कराया गया ‘जनसंहार’ करार दिया गया है।

राष्ट्रपति विन म्यिंत ने ‘जातीय भाइयों-बहनों’ को रखाइन प्रांत दिवस की 44वीं वर्षगांठ के मौके पर उन्हें बधाई दी। म्यांमा के सरकारी अखबार में यहां तक लिखा गया है कि कोई प्राकृतिक आपदा नहीं हुई है और ‘हम कह सकते हैं कि 2018 एक शुभ वर्ष रहा है।’

उन्होंने दावा किया कि देश के सबसे गरीब प्रांतों में शामिल रखाइन नियोजित आर्थिक क्षेत्रों की जगह भी है और सरकार कुछ टाउनशिपों में ‘24 घंटे बिजली’ मुहैया कराने की दिशा में कदम उठा रही है।

राष्ट्रपति ने रोहिंग्या शरणार्थियों को देश वापस लाने और इसके लिए जरूरी इंतजाम करने के लिए म्यांमा और बांग्लादेश के मध्य हुए समझौते की भी प्रशंसा की।

साभार- ‘पत्रिका’