रोहिंग्या नरसंहार: म्यांमार के राष्ट्रपति ने कहा- ‘2018 शुभ रहा’

म्यांमा के राष्ट्रपति ने शनिवार को कहा कि रोहिंग्या संकट के केंद्र और हिंसा की चपेट में रहे रखाइन प्रांत के लिए यह एक ‘‘शुभ’’ वर्ष रहा। सेना की ओर से ‘‘सफाई अभियान’’ चलाने के बाद अगस्त 2017 से लेकर अब तक इस पश्चिमी प्रांत से 720,000 रोहिंग्या पलायन कर चुके हैं। बड़ी संख्या में रोहिंग्या शरणार्थी पड़ोसी बांग्लादेश जा चुके हैं।

म्यांमा में उन्हें बलात्कार, आगजनी और जनसंहार जैसे कुकृत्यों का सामना करना पड़ा है। इस बारे में संयुक्त राष्ट्र के जांच अधिकारियों का कहना है यह सेना के जनरलों द्वारा कराए गए ‘‘जनसंहार’’ की तरह है।

हालांकि, शनिवार को म्यांमा के राष्ट्रपति विन म्यिंत ने पूरे हालात की एक अलग ही तस्वीर पेश की और ‘‘जातीय भाइयों-बहनों’’ को रखाइन प्रांत दिवस की 44वीं वर्षगांठ पर उन्हें बधाई दी। म्यांमा के सरकारी अखबार में म्यिंत ने लिखा कि कोई प्राकृतिक आपदा नहीं हुई है और ‘‘हम कह सकते हैं कि 2018 एक शुभ वर्ष रहा है।

उन्होंने कहा कि देश के सबसे गरीब प्रांतों में शामिल रखाइन नियोजित आर्थिक क्षेत्रों की जगह भी है और सरकार कुछ टाउनशिपों में ‘‘24 घंटे बिजली’’ मुहैया कराने की दिशा में काम कर रही है।

राष्ट्रपति ने रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस लाने और इसके लिए जरूरी इंतजाम करने की खातिर म्यांमा और बांग्लादेश के बीच हुए समझौते की भी तारीफ की।

साभार- ‘ज़ी न्यूज़’