हैदराबाद: मुख्य चिकित्सा अधिकारी एम राजश्री, जिन्होंने दलित स्कालर रोहित वेमुला की मौत की पुष्टि की थी , संसद में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के दावे से इनकार करते हुए उन्होंने आईएएनएस को बताया कि 17 जनवरी को जब उन्हें 7. 20 p.m या 7.30 p.m के बीच एनआरएस हास्टल से एक कॉल मिली कि यहाँ एक छात्र ने आत्महत्या की कोशिश की है वह फ़ौरन हॉस्टल पहुंची थी |
उन्होंने आगे बताया कि छात्रों का एक समूह जब उन्हें उस कमरे में लेकर गये जहां रोहित ने आत्महत्या का प्रयास किया था उन्होंने कमरे में जाकर रोहित की जाँच शुरू की उसका शरीर बिलकुल ठंडा और सख्त था उसका शरीर सीधा नहीं था बल्कि बिस्तर से ऊपर की और मुड़ा हुआ था उसकी नब्ज़ और रक्तचाप जांच करने की कोशिश की उसकी जीभ बाहर निकली हुई थी जांच पूरी करने के बाद उन्होंने उसे मृत घोषित कर दिया |
15 से 20 मिनट के बाद पुलिस वहां आई और उन्होंने मुझसे मालूम किया कि क्या मैं रोहित की मौत का सही वक़्त बता सकती हूँ मैंने उन्हें बताया कि मैं सही वक़्त तो नहीं बता सकती हूँ लेकिन मेरे द्वारा रोहित के शव की जाँच करने से कम से कम 2 घंटे पहले रोहित की मौत हो चुकी थी |
स्मृति ईरानी ने बुध के रोज़ तेलंगाना हाईकोर्ट में पेश की गयी रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि पुलिस ने रोहित को 7:20 pm पर अस्पताल में दाख़िल कराया था |पुलिस का कहना है कि जब वे हास्टल पहुंचे कमरा खुला हुआ था और रोहित का मृत शरीर मेज़ पर था उसके पास ही हाथ से लिखा हुआ सुसाइड नोट मौजूद था जिसमें आत्महत्या के लिए किसी को दोषी नहीं ठहराया गया था | उन्होंने कहा कि ये मेरे द्वारा पेश रिपोर्ट नहीं है मैंने वही बताया जो पुलिस ने कहा है किसी ने उस बच्चे के लिए डाक्टर को बुलाने की कोशिश नहीं की जिससे कि उसे बचाया जा सके उसकी मौत का हर किसी ने राजनीतिकरण करना शुरू कर दिया क्या किसी ने उस बच्चे की मदद करने की कोशिश की |