रोहित वेमुला हत्या कांड: न्याय के लिए कल देशभर में प्रदर्शन

नई दिल्ली: 17 जनवरी को हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के दलित शोध छात्र रोहित वेमुला की हत्या का एक साल पूरा हो रहा है. अब एक बार फिर विश्वविद्यालय कैम्पसों और कैंपस के बाहर यह संघर्ष और भी तेज होता दिख रहा है. जाति-वर्ण, संप्रदाय की संकीर्ण सीमाओं के बरखिलाफ सामाजिक न्याय और लोकतंत्र पसंद छात्र-नौजवानों के संगठन रोहित के न्याय और श्रद्धांजलि के लिए आगे आ रहे हैं.

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नेशनल दस्तक के अनुसार, देश की राजधानी दिल्ली से लेकर हैदराबाद, महाराष्ट्र के वर्धा, नागपुर से लेकर झारखंड के गोड्डा और बिहार की राजधानी पटना सहित देश के सैकड़ों स्थानों पर 17 जनवरी को इसके लिए कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है. जेएनयू में विभिन्न संगठनों द्वारा कई कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं तो महाराष्ट्र के वर्धा स्थित महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय के आम छात्रों द्वारा ‘रोहित वेमुला की सांस्थानिक हत्या के एक साल और अनुत्तरित सवाल’ विषय पर विमर्श आयोजित किया जा रहा है.
विश्वविद्यालय के शोध छात्र नरेश गौतम एवं दिनेश साहू इस आयोजन के संबंध में बताते हैं कि आगामी 17 जनवरी को रोहित की सांस्थानिक हत्या को एक साल होने जा रहा है. इस बीच सरकार व प्रशासन का चरित्र खुलकर सामने आया है. देश की सरकारों ने भले ही इस घटना से कोई सबक नहीं लिया हो, किन्तु देश के दलित-वंचितों व न्याय पसंद-प्रगतिशील ताकतों ने शैक्षणिक संस्थाओं के भीतर-बाहर जातिवाद-ब्रह्मणवाद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. गुजरात के ऊना से लेकर जेएनयू और बिहार में सामाजिक न्याय की जारी लड़ाई को इसी कड़ी के रूप में देखा जा सकता है.

सामाजिक न्याय व दलितों के पक्ष में घड़ियाली-आँसू बहाने वाली मोदी सरकार ने HCU के कुलपति और इस आत्महत्या के जिम्मेदार माने जाने वाले अप्पाराव को सम्मानित किया है.
उल्लेखनीय है कि संस्थाओं में आरक्षण व साक्षात्कार के नंबरों को लेकर संघर्ष जारी है. अनुसूचित जनजाति के छात्रों को दी जाने वाली फ़ेलोशिप के साथ चालाकी की जा रही है. हाल ही में UGC ने रेफर्ड पत्रिकाओं की सूची जारी की है जो ज़्यादातर अंग्रेजी में हैं, जिन्हें मानक माना गया है. इससे साफ है कि सरकार किस तबके को लेकर सचेत है.
संघ गिरोह के सामाजिक विभाजन वाले प्रतिरूप को लागू करने को प्रतिबद्ध यह मोदी सरकार आजतक JNU से लापता कर दिये गए छात्र नजीब का पता नहीं लगा पाई.