रोज़नामा सियासत क़ौम की सरबुलन्दी और इलमी वक़ार को वापिस लाने सरगर्म

एडीटर सियासत ज़ाहिद अली ख़ान ने एलान किया कि रोज़नामा सियासत की ख़िदमात को तेलंगाना की तमाम यूनीवर्सिटीज़ और बड़े कॉलेजस तक वुसअत दी जाएगी।

ज़ाहिद अली ख़ान उस्मानिया यूनीवर्सिटी की तारीख़ी आर्टस कॉलेज की इमारत में एक प्रोग्राम से मुख़ातिब थे। तलबा में ख़ुद एतेमादी को बहाल करने स्पोकन इंग्लिश और पर्सनालिटी डेवलपमेंट के समाही कोर्स की इख़्तेतामी तक़रीब में ज़ाहिद अली ख़ान ने बहैसीयत मेहमान ख़ुसूसी शिरकत की।

रोज़नामा सियासत के तआवुन से उस्मानिया यूनीवर्सिटी में समाही तर्बीयती प्रोग्राम इंटेलेक्चुअल फ़ोरम और इक्वल एयर ट्वेंटी सेल उस्मानिया यूनीवर्सिटी का इश्तिराक हासिल था। प्रोग्राम में ज़ाहिद अली ख़ान के अलावा ज़हीरुद्दीन अली ख़ान मैनेजिंग एडीटर सियासत, प्रोफेसर अकबर अली ख़ान डेन कॉमर्स कॉलेज उस्मानिया यूनीवर्सिटी प्रोफेसर कोदंदराम चेरमैन तेलंगाना पोलीटिक्ल जवाइंट कमेटी प्रोफेसर के परताब रेड्डी , प्रोफेसर टी कृष्णा राव‌ , प्रिंसिपल आर्टस ऐंड सोश्यल साईंस उस्मानिया यूनीवर्सिटी , प्रोफेसर अंसारी ऐच ओ डी एगोटास्टिक आर्टस कॉलेज प्रोफेसर अबदुलहमीद डायरेक्टर माइनॉरिटी सेल उस्मानिया यूनीवर्सिटी इफ़्तिख़ार हुसैन हैदर अली और् दुसरे मौजूद थे।

ज़ाहिद अली ख़ान ने अपने सदारती ख़ुतबा में कहा कि रोज़नामा सियासत क़ौम की सरबुलन्दी और तालीम में खोया हुआ उसका वक़ार वापिस दिलाने के लिए कोशिश कर रहा है और ये सियासत का अहम मक़सद है। उन्होंने समाही तर्बीयती कोर्स में तलबा की दिलचस्पी और जोश-ओ-ख़ुरोश को देख कर ख़ुशी का इज़हार किया और यूनीवर्सिटी के ज़िम्मेदारों की ख़ाहिश पर अपनी ख़िदमात को वुसअत देने का एलान किया और तलबा को मश्वरह दिया कि वो ज़बान को सीखने की दिलचस्पी को जारी रखें।

उन्होंने कहा कि तीन ज़बानें आना ज़रूरी है मादरी, इलाक़ाई और अंग्रेज़ी। उन्होंने उर्दू से नावाक़िफ़ तलबा को उर्दू सीखने की ताकीद की और कहा कि चूँकि मज़हबी मवाद उर्दू में महफ़ूज़ है इस वजह से उर्दू काफ़ी एहमीयत रखती है।

उन्होंने कहा कि अपने आप को ख़ुदमुख़तार बनाने के लिए ज़माने के तक़ाज़ों को पूरा करना ज़रूरी है। अंग्रेज़ी बोल चाल शख़्सियत साज़ी का एक हिस्सा है और सियासत ने उसकी ज़रूरत को एहमीयत देते हुए तलबा को हम आहंग करने का फ़ैसला किया।

रोज़नामा सियासत की वैब साईट भी तीनों ज़बानों में जारी है। ज़ाहिद अली ख़ान ने यूनीवर्सिटी का मुशाहिदा करने के बाद यूनीवर्सिटी के ज़िम्मेदारों को हॉस्टल की सफ़ाई पर तवज्जा देने का मश्वरह दिया और उस्मानिया यूनीवर्सिटी की तारीख़ी इमारत से वाबस्ता अपनी यादें ताज़ा कीं और अपने आबा-ओ-अज्दाद के तालीमी कारनामों और उस्मानिया यूनीवर्सिटी से उनकी मुहब्बत का इज़हार क्या।

इस मौके पर प्रोफेसर कोदंदराम ने तलबा को मुफ़ीद मश्वरह दिया और ऐसे फ़लाही कामों के इनइक़ाद पर मुसर्रत का इज़हार करते हुए रोज़नामा सियासत को मुबारकबाद पेश की और एसी ख़िदमात को जारी रखने और वुसअत देने की ख़ाहिश की। इस तक़रीब को प्रोफेसर अकबर अली ख़ान ने मुख़ातब करते हुए कहा कि मुसलसिल कोशिशों से ही कामयाबी हासिल होती है।

उन्होंने कहा कि दुनिया की तरक़्क़ी और जारी तबदीलीयों से ख़ुद को हम आहंग किए बगै़र तरक़्क़ी की मंज़िलों को तए करना मुश्किल होगा। उन्होंने तलबा को एहसास कमतरी को दूर करने और हर मैदान में अपनी सलाहीयत मनवाने का मश्वरह दिया। इस मौक़ा पर प्रोफेसर अंसारी डॉ मुईद जाविद सदर शोबा उर्दू उस्मानिया यूनीवर्सिटी और दुसरें ने मुख़ातिब किया। प्रोग्राम की निज़ामत सय्यद अनस मारूफ़ ट्रेनर ने चलाई। समाही तर्बीयती प्रोग्राम से इस्तेफ़ादा करने वाले तलबा से सय्यद अनस ने तआरुफ़ करवाया और तलबा ने तालीमी मुज़ाहरा पेश क्या। इस मौके पर सय्यद अनस की सताइश की गई। तेलंगाना माइनॉरिटी स्कालरस ऐंड इंटेलेक्चुअल फ़ोरम के क़ाइदीन की ख़िदमात को प्रोग्राम में शरीक मेहमानों ने सराहा। इस मौके पर कन्वीनर फ़हीम उल्लाह, डी वीलदारी के अलावा माइनॉरिटी स्टूडेंट आर्गेनाईज़ेशन के क़ाइद हाफ़िज़ याक़ूब पाशाह और दुसरे मौजूद थे