रज़ाए इलाही को मक़्सद-ए-हयात बनाते हुए ज़िंदगी गुज़ारने पर-ज़ोर

हैदराबाद 09 जुलाई: दोनों शहरों में ईद-उल-फ़ित्र जोश-ओ-ख़ुरोश के साथ सख़्त सयान्ती इंतेज़ामात के बीच मनाई गई। ईद-उल-फ़ित्र के मौके पर ईदगाहों और शहर की बड़ी मसाजिद के क़रीब पहली मर्तबा सख़्त सेक्यूरिटी इंतेज़ामात देखे गए। नमाज़ ईद-उल-फ़ित्र के लिए सबसे बड़ा इजतेमा ईदगाह मीर आलम पर देखा गया जहां लाखों मुसलमानों ने नमाज़ ईद-उल-फ़ित्र अदा की। ईदगाह मीर आलम के अतराफ़-ओ-अकनाफ़ के इलाक़ों में भी सख़्त सेक्यूरिटी इंतेज़ामात किए गए थे।

शहर की मुख़्तलिफ़ मसाजिद-ओ-ईदगाहों में नमाज़ ईद-उल-फ़ित्र की अदायगी के बाद रहमत वाली बारिश के लिए ख़ुसूसी दुआएं की गईं। मदीना मुनव्वरा में हुए ख़ुदकुश हमले की मज़म्मत करते हुए उलमाए किराम ने इन हमलों के साज़िशी अनासिर को वाजिब उल‍ क़त्ल क़रार दिया। मौलाना मुहम्मद हुसामुद्दीन सानी जाफ़र पाशाह ने ईदगाह मीर आलम में फ़ज़ाइल ईद-उल-फ़ित्र बयान करते हुए कहा कि मदीना मुनव्वरा में मस्जिद नबवी(स०) के क़रीब हुए धमाका ने आलम-ए-इस्लाम की रूह को ज़ख़मी किया है। उन्हों ने बताया कि जिस किसी ज़ालिम ने ये हरकत की है वो क़त्ल का मुस्तहिक़ है। नबी करीम(स०) की शान में मुस्लमान बे-अदबी-ओ-गुस्ताख़ी क़तई बर्दाश्त नहीं करसकता और ना ही असहाब-ए-रसूल की शान में की जाने वाली गुस्ताख़ियों पर मुस्लमान ख़ामोश तमाशाई बना रहेगा। मौलाना मुहम्मद हुसामुद्दीन सानी जाफ़र पाशाह ने बताया कि अल्लाह के रसूल(स०) और असहाब-ए-रसूल से बुग़ज़ रखने वालों को कहीं भी नजात नहीं है। माह-ए-रमज़ान उल-मुबारक के दौरान की गई इबादतों की क़बूलीयत के लिए दुआ करते हुए उन्हों ने कहा कि रमज़ान का महीना गुज़र चुका है लेकिन हमें इस बात का मुहासिबा करने की ज़रूरत है कि हमने उस का हक़ किस हद तक अदा किया है। उन्हों ने कहा कि कोई ताक़त हिन्दुस्तानी मुसलमानों को नुक़्सान पहुंचाने का मन्सूबा तैयार नहीं कर सकती क्युं कि इन मन्सूबों के ख़िलाफ़ उठ खड़े होने की क़ुव्वत हम में मौजूद है।

मौलाना जाफ़र पाशाह ने बताया कि इस्लाफ़ ने ख़ून बहाकर मुल्क की आज़ादी-ओ-तरक़्क़ी में कलीदी किरदार अदा किया है। उन्हों ने अल्लाह की राह में किए जानेवाले कामों की तशहीर से इजतेनाब की तलक़ीन करते हुए बताया कि अल्लाह को राज़ी करने में ही मुस्लमान की ईद होती है। ईसी लिए रज़ाए इलाही को मक़्सद-ए-हयात बनाते हुए ज़िंदगी गुज़ारने की ज़रूरत है। सैफ-उल्लाह शेख़ अलादब जामिआ निज़ामीया ने इस मौके पर अपने ख़िताब के दौरान कहा कि नौजवानों की सही तर्बीयत के लिए ये ज़रूरी है कि उन्हें इंटरनेट के सही इस्तेमाल के उसोल से वाक़िफ़ करवाया जाये। उन्हों ने नौजवानों को जज़बातीयत का शिकार ना होने का मश्वरा देते हुए कहा कि वालिदैन नसल की सही तर्बीयत के लिए तवज्जा मर्कूज़ करें ताकि आइन्दा नसलों के ईमान की सलामती को यक़ीनी बनाया जा सके।

डॉ सैफ-उल्लाह ने माह रमज़ान उल-मुबारक में हुई नफ़स और रूह की तर्बीयत को साल भर बरक़रार रखने की ज़रूरत पर-ज़ोर देते हुए कहा कि जो तर्बीयत इस माह-ए-मुबारक के ज़रीये की गई है उसे बरक़रार रखने के लिए हमें नमाज़ पंजगा ना और तहारत क़ुलूब पर तवज्जा मर्कूज़ करनी चाहीए। ईदगाह मीर आलम पर नमाज़ ईद-उल-फ़ित्र की इमामत मौलाना हाफ़िज़ मुहम्मद रिज़वान क़ुरैशी ख़तीब-ओ-इमाम मक्का मस्जिद ने की। इस मौके पर ईदगाह के क़रीब मह्कमाजात पुलिस, बर्क़ी, आ बरसानी, बलदिया-ओ-इमारात-ओ-शवारा के ख़ुसूसी कैम्पस नसब किए गए थे जहां से मुताल्लिक़ा मह्कमाजात के ओहदेदारान मातहतीन को हिदायात जारी कर रहे थे। कमिशनर पुलिस एम महिन्द्र रेड्डी के सात वी सत्यनारायाना डिप्टी कमिशनर पुलिस साउथ ज़ोन, के बाबू राव एडिशनल डीसीपी के अलावा दुसरे आला ओहदेदार सयान्ती इंतेज़ामात की रास्त निगरानी कर रहे थे।