रज़ाकाराना तौर पर छोड़ रहे हैं गैस की सब्सिडी

झारखंड समेत मुल्क भर में लोग घरेलू रसोई गैस के सिलिंडर पर दी जा रही सब्सिडी से इनकार कर रहे हैं। मुल्क की तीनों एलपीजी कंपनियां इंडेन, भारत गैस और एचपी गैस ने अपने गाहकों को एसएमएस कर मुल्क की तामीर में मदद देने के लिए सब्सिडी नहीं लेने की दरख्वास्त की है।

इसका असर भी दिख रहा है। अब तक मुल्क भर में 2324 लोगों ने इसमें अपनी मंजूरी दे दी है। इससे तेल कंपनियों को 1,39,26,000 रुपये की बचत होगी। सब्सिडी नहीं लेनेवालों में सबसे ज्यादा लोग इन्हीं तेल कंपनियों के अफसर हैं। इनके अलावा सरकारी अफसर, कारोबारी, डिस्ट्रिब्यूटर भी सब्सिडी नहीं लेने की दरख्वास्त दे रहे हैं।

झारखंड से 13 लोग हुए शामिल

कंपनियों के इस कोशिश को झारखंड के लोगों का भी हिमायत मिल रहा है। अब तक 13 लोगों ने सब्सिडी नहीं लेने की ऐलान की है। इससे इन कंपनियों के 78,000 रुपये बचेंगे। झारखंड से सबसे पहले मिहिजाम के इंडेन के डिस्ट्रिब्यूटर मां चंचला के एख्तियार संजय डोकानिया ने अपना नाम दर्ज कराया। अब तक इंडेन के सात और एचपी गैस के छह गाहकों ने सब्सिडी नहीं लेने का फैसला किया है। कंपनियों को उम्मीद है कि आनेवाले दिनों में इसमें बड़ी तादाद में लोग शामिल होंगे।

क्या है अपील

तेल कंपनियों ने अपने सारफीन को एसएमएस कर एलपीजी सब्सिडी नहीं लेने की अपील की है। इसमें लिखा है कि अपनी एलपीजी सब्सिडी को बंद कर मुल्क की तामीर में तावून करें। सिर्फ जरूरतमंदों को ही सब्सिडी मिले, इसमें मदद करें।

कैसे बंद कर सकते हैं सब्सिडी

जो लोग इसमें शामिल होना चाहते हैं, उनके पास दो ऑप्शन हैं। पहले में वे अपने डिस्ट्रिब्यूटर के पास जाकर दरख्वास्त दे कर सब्सिडी बंद करने को कह सकते हैं। दूसरा तरीका है, इन कंपनियों की वेबसाइट पर खुद को रजिस्टर कर सब्सिडी बंद करने का दरख्वास्त दे सकते हैं।

12 सिलिंडर पर है सब्सिडी

अभी फी खानदान सालभर में 12 सिलिंडर पर सब्सिडी दी जाती है। हर सिलिंडर में सरकार औसतन 500 रुपये की सब्सिडी देती है। यानी एक साल में छह हजार रुपये की सब्सिडी। इसके बाद सिलिंडर लेने पर बाजार भाव पर कीमत चुकानी पड़ती है।