लंदन ओलम्पिकस केलिए तर्बीयत याफ़ता 700 पुलिस की ताय्युनाती

लंदन 5 फरवरी (एजैंसीज़) इस साल मौसिम-ए-गर्मा और लंदन ओलम्पिकस के दौरान किसी भी किस्म के फ़सादात को रोकने केलिए मेट्रोपोलैटिन पुलिस के 700 मज़बूत और तर्बीयत याफ़ता अफ़िसरों को ताय्युनात किया जाएगा। ये अफ़्सर सारा साल किसी भी तरह के हालात से निमटने केलिए तैय्यार होंगे। मेट्रो पोलीटन पुलिस के कमिशनर बर्नार्ड होगीन हीओ ने कहा है कि गुज़श्ता साल में होने वाले फ़सादाद के तजुर्बे की रोशनी में अब फ़सादाद कंट्रोल करनेवाली पुलिस को सूरत-ए-हाल से फ़ौरी तौर पर निमटने केलिए चौकन्ना रखा जाएगा।

उन्हों ने कहा कि पुलिस गड़बड़ और फ़साद करने वालों के साथ जारिहाना अंदाज़ में पेश आएगी और पुलिस अफ़्सर फ़सादाद के दौरान एक जगह खड़े रहने की बजाय आगे बढ़ींगे। उन्हों ने लंदन असैंबली की क्राईम कमेटी में ख़िताब करते हुए इस बात से इत्तिफ़ाक़ किया कि अगस्त में होने वाले फ़सादाद के दौरान पुलिस ने तेज़ी के साथरद्द-ए-अमल ज़ाहिर नहीं किया था। उन्हों ने ये बात भी तस्लीम की कि फ़सादाद के मौक़ा पर पुलिस ने कम्यूनिटी रहनमाओं की जानिब से दिए गए इंतिबाह को नजरअंदाज़ किया था।

उन्हों ने कहा कि हफ़्ते को जब नाटिंघम में फ़सादाद शुरू हुए तो पुलिस के पास ज़्यादा अफ़रादी क़ुव्वत नहीं थी। उन्हों ने कहा कि जब पुलिस अफ़्सर दस्तयाब हुए तो उन्हें ताय्युनात भी किया गया। उन्हों ने कहा कि फ़सादाद की सूरत-ए-हाल के मौक़ा पर पुलिस को अपनी गाड़ीयों समेत आगे बढ़ना चाहीए और फ़सादीयों को पीछे ढकेलना चाहीए।याद रहे कि ओलम्पिक गेम्स को चूँकि बैन-उल-अक़वामी तौर पर इंतिहाई एहमीयत का हामिल ईवंट तसव्वुर किया जाता है, लिहाज़ा इस के कामयाब इनइक़ाद किए हर मुल़्क की यही कोशिश होती है कि बगै़र कोई हादिसा या नाख़ुशगवार वाक़िया के गेम्स इख़तताम पज़ीर होजाएं।

दुनिया भर में फैली हुई दहश्तगर्दी ने हालात इतने बिगाड़ दिए हैं कि कभी कभी खिलाड़ियों को भी ख़ौफ़ के आलम में अपनी कारकर्दगी दिखानी पड़ती है। ख़ुसूसी तौर पर ऐसे खिलाड़ियों जिन का मेज़बान मुल्क के हरीफ़ या दुश्मन मुल्क से ताल्लुक़ हो तो खिलाड़ियों पर ज़बरदस्त ज़हनी दबाव होता है जैसा कि हिंदूस्तान और पाकिस्तान के दरमयान खेले जाने वाले क्रिकेट मैचेस।