नई दिल्ली 1/ सितंबर (ए एफ़ पी) हाकी की आलमी गवर्निंग बॉडी ने हिंदूस्तान को इंतिबाह दिया है कि वो मुल्क में हाकी के रवां तनाज़ा को जल्द हल करे, वर्ना लंदन ओलम्पिकस में हिंदूस्तानी हाकी टीम की शिरकत पर पाबंदी आइद की जा सकती है। इंटरनैशनल हाकी फ़ैडरेशन (एफ़ आई ऐच) ने कहाकि हिंदूस्तानी वज़ारत स्पोर्टस की जानिब से हाकी इंडिया (ऐच आई) और इंडियन हाकी फ़ैडरेशन (आई ऐच एफ़) के दरमयान चल रही रसा कुशी को जल्द हल करे। वज़ारत स्पोर्टस को तहरीर करदा मकतूब में इंटरनैशनल हाकी फ़ैडरेशन के सदर लयानडरो नीगरी ने कहाकि बैन-उल-अक़वामी फ़ैडरेशन सिर्फ़ हाकी इंडिया की मुस्लिमा हैसियत को तस्लीम करती है। एफ़ आई ऐच ने मज़ीद कहाकि वो हिंदूस्तानी हुकूमत को मश्वरा देती है कि वो हाकी इंडिया और इंडियन हाकी फ़ैडरेशन के दरमयान चल रही रसा कुशी को ख़तन करते हुए हाकी के उमोर की अंजाम दही का सही तरीक़ा इख़तियार करें। सदर लयानडरो नीगरी की जानिब से हिंदूस्तान को तहरीर करदा मकतूब मौरर्ख़ा 27 सितंबर की एक नक़ल ख़बररसां एजैंसी ए एफ़ पी को भी दिखाई गई। इलावा अज़ीं एफ़ आई ऐच इस बात की भी ख़ाहां थी कि हिंदूस्तान गुज़श्ता बरस माह-ए-मार्च में दिल्ली में मुनाक़िदा वर्ल्डकप के मालीयाती उमोर की भी यकसूई करे। नीगरी की जानिब से हिदायत दी गई कि अगर मज़कूरा बाला उमोर की यकसूई होती है तो फिर लंदन में मुनाक़िद शुदणी 2012 -ओलम्पिक गेम्ज़ में हिंदूस्तानी हाकी टीम की शिरकत को कोई ख़तरात लाहक़ नहीं होंगी। क़ब्लअज़ीं इंटरनैशनल हाकी फ़ैडरेशन ने रवां माह के अवाइल चमपनस ट्रोफी की मेज़बानी के हुक़ूक़ भी हिंदूस्तान से वापिस ले लिए थे जिस के बाद न्यूज़ीलैंड को इस ईवंट का मेज़बान मुंतख़ब किया गया है। इस ख़सूस में इज़हार-ए-ख़्याल करते हुए वज़ारत स्पोर्टस के ओहदेदार राहुल भटना कर ने मीडीया नुमाइंदों से कहाकि हिंदूस्तानी ओलम्पिकस एसोसी उष्ण और हाकी ओहदेदारों से अनक़रीब मुलाक़ात करते हुए इस मसला पर इजलास मुनाक़िद किया जाएगा जिस के बाद इंटरनैशनल हाकी फ़ैडरेशन को जवाब दिया जाएगा। हिंदूस्तान को अगले बरस लंदन में मुनाक़िद शुदणी ओलम्पिकस में शिरकत का रास्त मौक़ा नहीं मिला है क्योंकि 2010 -में चीन में मुनाक़िदा एशीयन गेम्ज़ में उसे तीसरा मुक़ाम हासिल हुआ था लिहाज़ा अब हिंदूस्तानी टीम ओलम्पिकस में शिरकत के लिए क्वालीफाइंग मुक़ाबलों में हिस्सा लेगी। याद रहे 2008 -बीजिंग ओलम्पिकस के क्वालीफाइंग मुक़ाबलों में भी हिंदूस्तान को शिकस्त हुई थी।