लंबे समय से कैद फ़ाकतो को राहत नहीं मिली

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कश्मीर में सबसे लंबे समय से जेल में बंद कैदी आशिक हुसैन फ़ाकतो वह आवेदन आज खारिज कर दिया, जिसमें उसने दोषी ठहराए जाने और उसके बाद मिली उम्रकैद सजा पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया था| अदालत ने संक्षिप्त सुनवाई के बाद फ़ाकतो आवेदन यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इस आवेदन सुनवाई योग्य नहीं है। फ़ाकतो 1993 से ही जेल में है और अदालत द्वारा याचिका खारिज किए जाने के बाद इसके वर्तमान में बाहर आने के आसार नजर नहीं आ रहे है|

कश्मीर मुजाहिदीन के पूर्व कमांडर फ़ाकतो को मानवाधिकार कार्यकर्ता एच एन वांचू का 1992 में की गई हत्या के लिए उम्रकैद की सजा हुई थी। फ़ाकतो को आतंकवाद और विध्वंसक गतिविधि कानून (टाडा) के तहत दिए गए इकबालिया बयान के आधार पर दोषी ठहराया गया था| जमों की टाडा अदालत ने 2001 में फ़ाकतो हत्या के आरोप से बरी कर दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फैसले को उलटते हुए उसे दोषी ठहराया था। फ़ाकतो ने 1990 में अपने पांच साल पुराने अलगाववादी नेता आसिया अंद्राबी से शादी की थी|

आसिया अंद्राबी एक अलगाववादी संगठन दुखतरन मिल्लत की प्रमुख है फ़ाकतो अकेला ऐसा कश्मीरी अलगाववादी है जो जेल में रहते हुए पीएचडी की। उसने 2008 में अमरनाथ भूमि विवाद को लेकर होने वाले प्रदर्शनों में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।