लखनऊ में मोदी या बी जे पी की कोई लहर नहीं: मायावती

बी एस पी सरबराह मायावती ने आज मुल्क में मोदी लहर की तरदीद की और कहा कि ये सिर्फ़ मीडिया की ज़हनी बयान‌ है और ज़ाफ़रानी पार्टी (बी जे पी) ने इस सिलसिले में ज्योतिषियों की ख़िदमात भी हासिल की हैं जो ये प्रोपगंडा कर रहे हैं कि मुल्क में मोदी की लहर चल रही है।

मायावती ने आज पोलिंग बूथ पहुंच कर अपना वोट दिया और बाद में अपने ख़्यालात का इज़हार करते हुए कहा कि अवाम यक़ीनन तबदीली के मूड में हैं। मर्कज़ में एक ऐसी हुकूमत के ख़ाहिश‌ हैं जो उनके मुफ़ाद में काम करसके। अपनी बात जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि ये कहना कि मुल्क में इस वक़्त मोदी की लहर चल रही है या बी जे पी की लहर ने मुल्क को अपनी लपेट में ले रखा है।

ये बातें सिर्फ़ मीडिया में की जा रही है जिस का हक़ीक़त से कोई ताल्लुक़ नहीं है। ओपिनियन पोल्स में भी ऐसा ही किया जा रहा है जैसे हम महज़ अटकलें लगाना कह सकते हैं और अब तो बी जे पी ने ज्योतिषियों और नजूमियों की ख़िदमात भी हासिल की हैं जो इस तरह की तशहीर करने में पेश पेश हैं।

उन्होंने कहा कि उन्हें तो ऐसी कोई लहर नज़र नहीं आई। उन्होंने अवाम से अपील की कि हर हालत में वो अपने हक़ राय दही का इस्तिमाल करें। तातील का मतलब ही यही है कि अगर आप को अपना वोट देने में पूरा दिन भी लग जाये तो ख़ुशी ख़ुशी अपना वोट दीजिए नाराज़गी का इज़हार मत कीजिए क्योंकि ऐसा पाँच साल में सिर्फ़ एक बार होता है, ख़ुसूसी तौर पर दलितों और दीगर पसमांदा तबक़ात से ताल्लुक़ रखने वालों को अपना वोट ज़रूर देना चाहिए बाबा साहिब अंबेडकर की अनथक कोशिशों और मेहनत के बाद दलितों को वोट देने का हक़ मिला, लिहाज़ा उन्हें इससे इस्तिफ़ादा करना चाहिए।

कांग्रेस उम्मीदवार और मौजूदा एमएल ए रीता बहू गुना जोशी ने भी मोदी लहर की तरदीद की। बहू गुना को इंतिख़ाबात में सदर बी जे पी राज नाथ सिंह से मुक़ाबला दरपेश है। उन्होंने कहा कि लखनऊ में ऐसे अफ़राद की अक्सरियत है जो ज़हनी तौर पर पसमांदा नहीं।

वो उसे झूटे प्रोपगंडों के झांसे में नहीं आएंगे। इंतिख़ाबात इंतिहाई दिलचस्प हैं और लखनऊ एक ऐसा मुक़ाम है जहां से हमेशा हैरान कुण नताइज सामने आए हैं। बी जे पी और कांग्रेस में रास्त मुक़ाबला है जबकि दीगर सियासी पार्टियों को कोई ख़ास अहमियत हासिल नहीं है। लखनऊ में कोई मोदी या बी जे पी लहर नहीं है। रीता बहू गुना जोशी ने कहा कि इंतिख़ाबी नताइज उम्मीदवारों की कारकर्दगी और तजुर्बा की बुनियाद पर होंगे।