लड़कियों को भी पढ़ाएं

पटना 29 अप्रैल : वज़ीरे आला नीतीश कुमार ने लड़कियों को लाज़मी तौर पर पढ़ाने का एलन किया है। प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन की तरफ से मुनक़्द ‘खातून तालीम की अहमियत’ की लिए सेमिनार में उन्होंने कहा कि अब जमाना लाठी में तेल पिलाने का नहीं है। इल्म का दौर है। लाठी में तेल पिलाने से कुछ नहीं होगा। कलम में स्याही भरें।

पढ़ने-लिखने से ही सब कुछ मुमकिन है। वज़ीरे आला ने कहा, रियासत हुकूमत की कोशिश है कि अगले 10 साल के बाद जब मर्दम शुमारी हो, तो ख्वांदगी की शराह बिहार मुल्क के चुनिंदा पांच-सात रियासतों में हो। रियासत में खातूनों की ख्वांदगी शराह में 20 फीसद की इजाफा हुई है। यह मुल्क में सबसे ज्यादा है. 53 फीसद से ज्यादा ख्वातीन तालीम हुई हैं।

लड़कों के साथ ही लड़कियों की तालीम भी जरूरी है। एक लड़की पढ़ ले, तो पूरा खानदान तालीम याफ्ता हो जाता है। इसलिए, हुकूमत ने हर पंचायत में हाइस्कूल खोलने की मंसूबा बनायी है। इस माली साल में एक हजार हाइस्कूल खोले जायेंगे। प्राइवेट स्कूल मुन्ताज्मिन से दरख्वास्त करते हुए वज़ीरे आला ने कहा कि हुकूमत सतह पर लड़कियों की तालीम के लिए कोशिश किये जा रहे हैं।

तालीम का हक़ एक्ट लागू होने के बाद निजी स्कूलों में भी गरीब बच्चों का अन्द्राज़ करना है। प्रोग्राम में अकलियती कमीशन के सदर नौशाद अहमद, इमारत-ए-शरिया के जनरल सेक्रेटरी अनीसुर्रहमान कासमी भी मौजूद थे।