लता मंगेशकर को स्टूडीयो अराज़ी केस में हाइकोर्ट से राहत

मुंबई हाइकोर्ट ने आज गुलूकारा लता मंगेशकर को कोलहापूर में दी गई सरकारी अराज़ी के इस्तिफ़ादा कुनुंदा को तबदील करने की इजाज़त हुकूमत महाराष्ट्रा के 1982 के फ़ैसले को चैलेंज करते हुए दाख़िल करदा मफ़ाद-ए-आम्मा की दरख़ास्त को खारिज‌ कर दिया।

जस्टिस एस जे वजीफ़दार और गौतम पाटेल की बेंच ने रोलिंग दी कि दरख़ास्त गुज़ार ने इस केस में कोई वजह नहीं बताई कि आख़िर रियासती हुकूमत के फ़ैसले को क्योंकर कुलअदम क़रार दिया जाना चाहिए। अखिल भारतीय मराठी चित्रा पिट महा मंडल ने हाल ही में मफ़ाद-ए-आम्मा की दरख़ास्त दाख़िल की थी और इस्तिदलाल पेश किया था कि हुकूमत का फ़ैसला सिर्फ़ लता मंगेशकर के हक़ में जाता है।

लता मंगेशकर ने इस 13 एकऱ् के प्लाट को 1959 में नामवर मराठी फ़िल्म डायरेक्टर बालाजी से ख़रीदा था और बालाजी ने कोलहापूर रियासत के जीवराज से इस शर्त पर ये प्लाट ख़रीदा था कि यहां एक फ़िल्म स्टूडीयो बनाया जाएगा। लेकिन लता मंगेशकर ने ये प्लाट ज़ाती अग़राज़ के लिए इस्तेमाल करना शुरू किया।