मलेशिया के ईसाईयों को ख़ुदा के लिए लफ़्ज़ अल्लाह इस्तेमाल करने के मुक़द्दमा में मुल्क की आला तरीन अदालत में नाकामी हुई जबकि आला तरीन अदालत की 7 जजों पर मुश्तमिल बेंच ने फ़ैसला सुनाया कि तहत की अदालत का फ़ैसला जिस में हुकूमत के ईसाईयों की जानिब से लफ़्ज़ अल्लाह इस्तेमाल करने पर इमतिना आइद किया था, जायज़ और क़ानूनी है।
चीफ़ जस्टिस आरफीन ज़करिया की ज़ेरे क़ियादत सात रुक्नी बेंच ने कई बरसों से जारी मुक़द्दमा का फ़ैसला सुनाते हुए तहत की अदालत के फ़ैसले को जायज़ और क़ानूनी क़रार दिया।
ये फ़ैसला चार के मुक़ाबिल तीन जजेस की राय की बुनियाद पर किया गया। ये पहली बार है कि मलेशिया में इतनी कसीर तादाद में जजेस पर मुश्तमिल बेंच किसी मुक़द्दमा के फ़ैसले के लिए क़ायम की गई थी।
फ़ैसला पर तबसरा करते हुए सबाह और सारावाक के चीफ़ जस्टिस रिचर्ड मलनजोम ने कहा कि ये दरख़ास्त ग़ौर के लिए अवामी अहमीयत के मुक़द्दमात में शामिल की जानी चाहीए थी।