लव जिहाद पर सुप्रीम कोर्ट का सवाल, ऐसा कोई क़ानून है जो मुहब्बत करने से रोक सके?

लव जिहाद का मामला काफी दिनों से कोर्ट में लंबित है| इस मामले पर सियासी पार्टियों ने अपनी अपनी रोटियां भी सेकीं| चुनावी दौर में ये मामला काफी चर्चा में था| इस पर राजनीति कर के वोट बैंक बनाया गया| ऐसा ही एक मामला केरल का था जिसमे सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई चल रही थी| केरल के इस कथित लव जिहाद मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर लड़की बालिग़ है तो सबसे पहले उसकी सहमति ज़्यादा अहमियत रखती है| सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच कर रही एनआईए से पूछा कि क्या कोई ऐसा कानून है, जो किसी को अपराधी से मोहब्बत करने से रोके| इस मामले की अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी|

इससे पहले NIA ने कोर्ट से कहा कि हादिया के साथ ज़बरदस्ती शादी करने वाले अपराधी ने लड़की को इस क़दर बरगलाया है जिससे वह निर्णय तक लेने की हालत में नहीं है| वहीं अखिला उर्फ़ हादिया के पिता का आरोप है कि केरल में समूह बना कर सुनियोजित ढंग से कट्टरता फैलायी जा रही है. युवाओं को बरगलाया जा रहा है. उनका ‘मनोवैज्ञानिक अपहरण’ किया जा रहा है.

दरअसल यह पूरा मामला 24 साल की होमियोपैथिक डॉक्टर अखिला से जुड़ा है, जिसने परिवार की मर्जी के खिलाफ जाते हुए शफी नाम के युवक से शादी कर ली थी| लड़की के परिवार वाले इस शादी से नाख़ुश थे| शादी से ख़फा हदिया के पिता केरल हाईकोर्ट पहुंच गए, जिसने इस शादी को रद्द घोषित कर दिया| जिसके बाद हादिया के पति ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था|