‘लव जेहाद’: शूटर तारा शाहदेव के शौहर के खिलाफ केस दर्ज

नई दिल्ली: ज़राये के मुताबिक सीबीआई ने तारा शाहदेव के शौहर रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल के खिलाफ दहेज हरासानी का केस दर्ज किया है. झारखंड की मशहूर शूटर तारा शाहदेव केस की सीबीआई जांच शुरू हो गई है.

झारखंड की पिछली हुकूमत ने केस सीबीआई को सौंपा था लेकिन जांच अब शुरू हुई. क़ौमी सतह की शूटर तारा शाहदेव ने अपने शौहर रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल पर जबरन मज़हब तब्दील करवाने और जिंसी टार्चर का इल्ज़ाम लगाया था.

एजेंसी ने झारखंड हाई कोर्ट के हुक्म पर इस मुद्दे से मुताल्लिक दो और मामले दर्ज किए हैं.सीबीआई ज़राये ने बताया कि पहला मामला शाहदेव के खिलाफ उनके मुल्ज़िम शौहर रंजीत सिंह कोहली और दिगर टार्चर और ज़ुल्म किए जाने से मुताल्लिक है. दूसरा मामला कोहली के खिलाफ मुबय्यना तौर पर धोखाधड़ी और जालसाजी से मुताल्लिक है.

पहले और दूसरे मामले में मुकामी पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दिए हैं और मामले रांची के Chief Judicial Magistrate की अदालत में सुनवाई के लिए ज़ेर ए गौर हैं.

निशानेबाज तारा शाहदेव ने इल्ज़ाम लगाया है कि रंजीत सिंह का असली नाम रकीबुल हसन है और उसने शादी के बाद तारा पर मज़हब तब्दील करने के लिए दबाव डाला था. झारखंड की दारुल हुकूमत में शूटर तारा शाहदेव से धोखाधड़ी कर शादी करने और मुबय्यना तौर पर पर मारपीट कर उस पर मज़हब तब्दील का दबाव डालने का इल्ज़ाम लगाया है. तारा का इल्ज़ाम था कि शादी के बाद उसके शौहर ने उसे मज़हब इस्लाम कबूल करवाने के लिए काफी मारा पीटा गया.

तारा के मुताबिक कई दिनों तक खाना तक नहीं दिया गया.

निशानेबाज तारा ने जब मज़हब की तब्दीली की बात नहीं मानी तो शौहर रंजीत कोहली ने उसके साथ मारपीट की. मुल्ज़िम शौहर इस खुलासे के बाद से ही फरार था और पुलिस उसकी तलाश कर रही थी. तारा की शिकायत मिलने के बाद पुलिस खानदान समेत फरार रंजीत कोहली की तलाश कर रही थी.

निशानेबाज तारा के जिस्म पर कई जख्म मिले थे. उसका इल्ज़ाम था कि उसे बुरी तरह मारा पीटा जाता था और अभी वो ठीक से चल भी नहीं पा रही है.

तारा के शौहर का कहना था कि उनका असली नाम रंजीत कोहली ही है रकीबुल हसन नहीं. इस सिलसिले में कोहली ने रियासती हुकूमत को चिट्ठी भी लिखी और साथ ही उन्होंने ड्राइविंग लाइसेंस और झारखंड हुकूमत के होम डिपार्टमेंट की तरफ से जारी शनाख्ती कार्ड की तस्वीरें भी जारी की थी. उसका कहना था कि वह सिक्ख है लेकिन उसने ये कबूल किया कि वह नमाज पढता था लेकिन उसने मज़हब की तब्दील नहीं किया.