एक ख़ुदकुश बम बर्दार ने एक दहश्तगर्द ग्रुप के अड्डा के अंदर एक मस्जिद को कबायली इलाक़ा ख़ैबर (शुमाल मग़रिबी पाकिस्तान) में हमला का निशाना बनाया, जिसमें 13 अफ़राद हलाक हो गए, जिनमें से बेशतर अस्करीयत पसंद थे और दीगर कई अफ़राद ज़ख्मी हो गए।
हमलावर ने उस वक़्त हमला किया जबकि ममनूआ लश्कर इस्लाम के कारकुन कबायली वादी के दौर उफ़्तादा इलाक़ा में जो अफ़्ग़ानिस्तान की सरहद से मुत्तसिल है, नमाज़ जुमा अदा कर रहे थे। बम धमाका से मस्जिद जिसमें दीनी मदरसा भी शामिल है, बुरी तरह मुतास्सिर हुई और 13 अफ़राद बरसर मौक़ा हलाक हो गए। सयासी इंतेज़ामीया ने ज़राए इबलाग़ से कहा कि ख़ुदकुश बम बर्दार ने धमाको मादों पर मुश्तमिल अपनी जाकेट को उस वक़्त धमाका से उड़ा दिया जबकि लश्कर इस्लाम के चंद अस्करीयत पसंदों ने उसे रोका और इस पर फायरिंग कर दी।
लश्कर इस्लाम के 8 अरकान महलोकीन में शामिल हैं। एक रोज़नामा के बमूजब हमलावर एक बम नसब करने की कोशिश कररहा था, जो लश्कर इस्लाम के कारकुनों की फायरिंग की बिना पर धमाका से फुट पड़ा। लश्कर इस्लाम का अड्डा यार वली ख़ान के ज़ेर-ए-इंतज़ाम है जो इस ग्रुप के सरबराह हैं। ये खु़फ़ीया अड्डा मंगल बाग़ आफ़रीदी इलाक़ा में वाक़्य है। यार वली ख़ान का हश्र फ़ौरी तौर पर मालूम नहीं हो सका।
ममनूआ तंज़ीम तहरीक इस्लाम पाकिस्तान के तर्जुमान ने दावा किया है कि इस हमला की इनकी तंज़ीम ज़िम्मेदार है।
इस ने ज़राए इबलाग़ से टेलीफ़ोन पर रब्त पैदा करते हुए दावा किया कि लश्कर इस्लाम और तालिबान कबायली इलाक़ा ख़ैबर में गुज़श्ता एक साल से ज़्यादा अर्सा से सरगर्म हैं। इस मस्जिद को लश्कर इस्लाम के हरीफ़ों में गुज़श्ता साल 18 फ़रवरी को भी हमला का निशाना बनाया था। जिसमें कम अज़ कम 30 अफ़राद हलाक और 70 से ज़्यादा ज़ख़मी हो गए थे। तीन हफ़्ता क़ब्ल भी तीरान के इलाक़ा में भी लश्कर इस्लाम की मस्जिद पर एक ख़ुदकुश बम हमला किया गया था, जिस में 22 अफ़राद जो नमाज़ जुमा अदा करके बाहर आ रहे थे, हलाक हो गए थे।