मुंबई: हुकूमत महाराष्ट्र ने 2006 के लाखन भैया फ़र्ज़ी अनकाउंटर केस में मुजरिम क़रार दिए गए 11 पुलिस मुलाज़िमीन की सज़ाए क़ैद छः माह के लिए रोक दी। ये पुलिस मुलाज़मीन मुंबई सेशंस कोर्ट की जानिब से जुलाई 2013 में मुजरिम क़रार दिए गए थे और मौजूदा तौर पर थाने सेंटर्ल जेल में उम्र क़ैद की सज़ा भुगत रहे हैं।
हुकूमती फ़ैसले के पेश-ए-नज़र तमाम 11 मुजरिमीन फ़ौरी असर के साथ जेल से बाहर आजाऐंगे। गुज़िश्ता रोज़ महिकमा दाख़िला के जारी करदा एक सर्कुलर के मुताबिक़ सज़ाए क़ैद पर छः माह का अलतिवा उस रोज़ से शुमार होगा जिस दिन ये मुजरिमीन जेल से बाहर आएँगे।
शराइत में ये भी कहा गया कि मुजरिम मुलाज़िमीन पुलिस इस केस के गवाहों से मुलाक़ात नहीं करेंगे और ना राम नारायण विश्वानाथ गुप्ता उर्फ़ लाखन भैया के अरकाने ख़ानदान को धमकाएंगे। वो अच्छे तर्ज़-ए-अमल का मुज़ाहरा करेंगे और इस छः माह की मुद्दत के दौरान कोई जुर्म नहीं करेंगे।
लाखन भैया को अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन का क़रीबी मददगार माना जाता था। 11 नवंबर 2006 को इसकी हलाकत के चार रोज़ बाद उस का भाई बॉम्बे हाईकोर्ट से रुजू हुआ और इल्ज़ाम आइद किया कि लाखन को मुंबई पुलिस ने बे रहमाना अंदाज़ क़तल किया है।