लाखों की संख्या में किसान आज संसद तक मार्च करने नयी दिल्ली पहुंचे!

देश की राजधानी दिल्ली में आज फिर हजारों की तादात में अन्नदाता आंदोलन करने जा रहे हैं। केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ रामलीला मैदान में इकट्ठा हुए ये किसान आज संसद तक मार्च करने जा रहे हैं।

29 नवंबर को 26 किलोमीटर की पैदल यात्रा करने के बाद आज हजारों की तादात में किसान संसद के लिए रवाना होंगे, जहां वे सरकार के सामने पूर्ण कर्ज माफी और फसलों की लागत का डेढ़ गुना ज्यादा समर्थन मूल्य देने की अपनी मांग रखेंगे।

बता दें देश भर से किसानों का दिल्ली पहुंचने का सिलसिला बुधवार से ही शुरू हो चुका था, जो कि आज सुबह तक जारी रहा। वहीं आंदोलन के चलते जुट रही भीड़ को देखकर प्रशासन भी सतर्क नजर आ रहा है। सुरक्षा कारणों के चलते जगह-जगह पर पुलिस बल की तैनाती की गई है, ताकि किसी भी तरह की अनहोनी से बचा जा सके।

बता दें आज किसान दिल्ली के रामलीला मैदान से संसद मार्ग तक मार्च निकालेंगे, जिसके चलते इस मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्थाएं कड़ी कर दी गई हैं। साथ ही यातायात के भी विशेष प्रबंध किए गए हैं। मार्ग के दोनों तरफ रस्सियां कस दी गई हैं, ताकि राजधानी का यातायात प्रभावित न हो।

किसानों के आंदोलन को ध्यान में रखते हुए शहर में 3500 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। दिल्ली पहुंचे किसानों ने 29 नवंबर की सुबह बिजवासन से 26 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर रामलीला मैदान पहुंचे थे, जहां से आज वे संसद के लिए रवाना हो जाएंगे।

मिली जानकारी के मुताबिक किसानों के इस आंदोलन को कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और अन्य वर्गों का भी समर्थन मिल रहा है. बता दें आंदोलन में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, केरल, बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान और आंध्रप्रदेश के आंदोलनकारी किसान शामिल हो रहे हैं।

देश भर से पहुंचे इन आंदोलनकारी किसानों के मनोरंजन के लिए गुरुवार की रात रामलीला मैदान में ‘एक शाम किसानों के नाम’ का भी आयोजन किया गया, जिसमें कई सांस्कृतिक कार्यकर्मों की प्रस्तुति दी गई।

देश भर के अलग-अलग राज्यों के ये किसान कर्जमाफी और बेहतर MSP की अपनी मांग लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंचे हैं. यहां किसानों ने अलग-अलग तरीके से विरोध प्रदर्शन करने की कोशिश की।

रामलीला मैदान में इकट्ठा हुए इन किसानों में से कुछ ने लाल झंडे के साथ विरोध प्रदर्शित किया तो कुछ ने हाथ में खोपड़ियां लेकर गुस्सा जाहिर किया। हाथ में नर खोपड़ी थामे किसानों की मानें तो उनके हाथ में जो खोपड़ी हैं वह आत्महत्या करने वाले किसानों की हैं।

साभार- ‘ज़ी न्यूज़’