लाखों हुज्जाज किराम का असरी टैक्नालोजी से इस्तिफ़ादा

वादी-ए-मीना 09 नवंबर (एजैंसीज़) हुकूमत सऊदी अरब की जानिब से अल्लाह के लाखों मेहमानों की ख़िदमत में अंजाम दिए गए बेहतर से बेहतर इंतिज़ामात के बाइस कई सहूलतें हासिल हुईं।

हुज्जाज किराम को वादी-ए-मिनी से सारी दुनिया में वाक़्य अपने रिश्तेदारों तक राबिता क़ायम करने में सहूलत हासिल हुई। इन्फ़ार्मेशन टैक्नालोजी ने आज रोज़मर्रा ज़िंदगी को जितना आसान बना दिया है इस का मुज़ाहरा वादी-ए-मीना में देखा गया जहां हुज्जाज किराम को डीजीटल एरिया फ़राहम किया गया, मनासिक हज की अदायगी के दौरान हुज्जाज किराम ने स्मार्ट फ़ोन का इस्तिमाल किया।

आज़मीन को फेसबुक और ट्वीटर के ज़रीया सारी दुनिया से राबिता क़ायम करने में मदद मिली। असरी टैक्नालोजी से इस्तिफ़ादा करते हुए पहली मर्तबा इस साल सालाना हज के मौक़ा पर वीडीयो के ज़रीया वैब साईट यूट्यूब ने बराह-ए-रास्त आज़मीन का राबिता उन के रिश्तेदारों से करवाया। वज़ारत मज़हबी उमूर ने कहा कि इस सहूलत से इस्तिफ़ादा करने के लिए Youtube.com/hajjlive मुलाहिज़ा किया जा सकता है।

वज़ारत मज़हबी उमूर में आज़मीन के मोबाईल फोन्स पर रोज़ाना 3.25 मुलैय्यन टॅक्स्ट मैसेज रवाना क़ी। मनासिक हज की अदायगी और आज़मीन की रोहनमाई करते हुए उन्हें पयाम रवाना किया गया ताकि वो किसी किस्म की तकलीफ़ से दो-चार ना हॊ।

क़ुतर से आने वाले हाजी ने कहा कि अगर चीका वो हज के लिए तन्हा आए हुए थे लेकिन उन के अज़ीज़-ओ-अका़रिब मनासिक हज के दौरान भी हमेशा उन के क़रीब रहे क्योंकि उन्हों ने हुकूमत सऊदी अरब की फ़राहम करदा इन्फ़ार्मेशन टैक्नालोजी की सहूलत से इस्तिफ़ादा करते हुए अपने रिश्तेदारों से डीजीटल राबिता क़ायम किया।

मुमताज़ अहमद ने कहा कि मेरे स्मार्ट फ़ोन ने मेरे एहसासात के इज़हार में और मनासिक हज के रुहानी तजुर्बात बताने में भरपूर मदद की। मैंने स्मार्ट फ़ोन को इस्तिमाल करते हुए अपने रिश्तेदारों से राबिता बरक़रार रखा। बाअज़ हाजियों ने अपने स्मार्ट फ़ोन के ज़रीया मनासिक हज के ताल्लुक़ से मालूमात भी हासिल की।

सऊदी हुक्काम ने न्यूज़ मीडीया का इस्तिमाल करते हुए आज़मीन की रहनुमाई की यहां तक कि होटलों और मुक़ामी गाईड्स ने भी अपने ज़ाती फेसबुक सफ़हात के ज़रीया हुज्जाज किराम की रहनुमाई की। अरब न्यूज़ ने बताया कि बाअज़ हाजी वादी-ए-मुंह में अपने ख़ेमों में वाक़्य जी पी उसका भी इस्तिमाल किया। शैतान को कंकरीयां मारने के बाद वापसी के लिए जी पी उसका इस्तिमाल कारगर साबित हुआ।

हिंदूस्तानी अमरीकी शहरी फ़िरोज़ अहमद ने अपनी अहलिया सीमा के हमराह फ़रीज़ा हज अदा किया इन का कहना था कि जब मैं ख़ेमों के शहर मीना वादी पहुंचा तो हज के पहले दिन मैंने अपना कैंप जे पी सी निज़ाम में पाया। इस के ज़रीया मुझे जब कभी खे़मे से बाहर जाना होता है या वापिस आना है तो जे पी सी की मदद हासिल हो रही है।

एक और हाजी ने टयूटर का इस्तिमाल करते हुए अपने फ़रीज़ा हज की तकमील की। उन्हों ने अपने दोस्त अहबाब से भी कहा कि गुनाहों की बख़शिश के लिए उन्हों ने बारगाह ख़ुदावंदी में दुआ की है।

बर्तानवी नौजवान लड़की महर अफ़रोज़ ने कहा कि इन के टयूटर पर दोस्तों और रिश्तेदारों ने इन से ख़ाहिश की कि वो उन के गुनाहों की माफ़ी के लिए बारगाह ख़ुदावंदी में दुआ करें। मैंने अपने बही ख्वाहों की तमन्ना के मुताबिक़ वादी-ए-मीना, मैदान अर्फ़ात और जबल रहमत पर अदा की है। हिंदूस्तानी हाजी इकराम नजीब ने बताया कि उन्हों ने अपने हज तजुर्बात से दूसरों को वाक़िफ़ करवाने के लिए ऑनलाइन का इस्तिमाल किया है।

कई हाजी ऑनलाइन के ज़रीया अपने तजुर्बात का इज़हार करते हुए दीगर तक मनासिक हज के उमूर से वाक़िफ़ करवाया हैं। टयूटर का इस्तिमाल मुफ़्ती साहिबान ने भी किया है जिन्हों ने आज़मीन को मश्वरे देते हुए मनासिक हज की अदायगी के तौर तरीक़े भी बताए हैं।

नजीब ने कहा कि वीडीयोज़ के ज़रीया अरकान हज और दीगर उमूर की अंजाम दही में मदद मिल रही है। अहमद नज्जा नामी हाजी ने अपने स्मार्ट फ़ोन के ज़रीया फेसबुक पर हुज्जाज किराम की तसावीर अपलोड कर दिए हैं ताकि उन के दोस्तों तक हज की अदायगी के मुनाज़िर पहुंच सकें। लाखों हुज्जाज किराम ने तीसरे दिन भी शैतानों को कंकरीयां मारने के बाद मनासिक हज के उमूर मुकम्मल कर ली ।