सीतामढ़ी: एक ज़िला अदालत ने लार्ड राम और उनके भाई लक्ष्मण के ख़िलाफ़ सीता देवी को14 साल तक वनवास भेजवा देने पर एक केस दर्ज किया हिदायत देने के लिए पेश करदा एक अर्ज़ी को मुस्तरद कर दिया है और कहा कि ये मंतिक़ और हक़ायक़ से बईद है सीतामढ़ी चीफ़ जोडिशियल मजिस्ट्रेट वाश बिहारी ने एक ऐडवोकेट चंदन कुमार सिंह की दरख़ास्त को नाक़ाबिल समात क़रार देते हुए मुस्तरद कर दिया जिसके ख़िलाफ़ दूसरी अदालत में हिंदू देवताओं की तौहीन के इल्ज़ाम में 3 केसेस दायर किए गए हैं।
चंदन कुमार सिंह ने गुज़िशता हफ़्ते एक अर्ज़ी दाख़िल करते हुए लार्ड राम और लक्ष्मण के ख़िलाफ़ केस दर्ज करने के लिए अदालत से मुदाख़िलत की गुज़ारिश की थी जिन्होंने मुनासिब वजूहात की बग़ैर सीतादेवी को बन-बास भेज दिया था। चीफ़ जोडिशियल मजिस्ट्रेट ने इस शिकायत को कुलअदम क़रार देते हुए कहा कि ये दरख़ास्त काबिल-ए-समात नहीं है और ये मामला मंतिक़ और हक़ायक़ से बईद है।
कहानियों में बताया गया है कि सीतादेवी की पैदाइश सीतामढ़ी में हुई थी। चंदन कुमार सिंह के ख़िलाफ़ भगवानों की तौहीन पर एक और अदालत में 3 केसेस दायर किए गए हैं । ऐडवोकेट चंदन कुमार सिंह ने बताया कि हिंदू भगवान के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज करवाने पर उन्हें दाएं बाज़ू की तंज़ीम ने धमकी आमेज़ टेलीफ़ोन कोल्स किए हैं जिसके पेश-ए-नज़र अपने तहफ़्फ़ुज़ के लिए पुलिस सुप्रिटेंट से रुजू होंगे|