पटना : गुजिशता बुध को वैशाली जिले के लालगंज में भीड़ की तरफ से थाना इंचार्ज की पीट-पीटकर कत्ल और पुलिस फायरिंग में एक की मौत के बाद अब सियासत शुरू हो गई है। भारतीय जनता पार्टी के लीडर सुशील मोदी और लोजपा के लीडर रामविलास पासवान आज लालगंज पहुंचे। सुशील मोदी और रामविलास हादसे में मारे गए राजेंद्र चौधरी और गोली लगने से मारे गए राकेश कुमार के अहले खाना से मिले।
सुशील मोदी ने हादसे में मारे गए दो लोगों के अहले खाना को बिहार हुकूमत की तरफ से चार लाख रुपए देने के मामले में कहा कि मौत की कीमत पैसे से नहीं लगाई जा सकती। मुतासीर अहले खाना को हुकूमत कम से कम 25 लाख रुपए दे। उन्होंने कहा कि इंतेजामिया की तरफ से हुई चूक की जांच की जानी चाहिए। अफसर इस मामले की जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। राम विलास ने कहा कि यहां के बाद वह PMCH जाएंगे और देखेंगे कि पुलिस की गोली से जख्मी विकास कुमार के इलाज में कोई ढिलाई न बरती जाए।
पुलिस ने मुजरिम ड्राइवर को गिरफ्तार नहीं किया। इसलिए भीड़ ने मुल्ज़िम ड्राइवर समेत कई लोगों के घरों में आग लगा दी। इत्तिला मिलने पर बेलसर चौकी इंचार्ज अजीत कुमार फोर्स के
साथ मौके पर पहुंच गए। जब भीड़ पर काबू पाना चाहा तो तनाजा हो गया। पुलिस पर एक तरफा कार्रवाई का इल्ज़ाम लगाते हुए भीड़ ने चौकी इंचार्ज पर हमला बोल दिया। उन्हें लाठी डंडे से पीट पीटकर जख्मी कर दिया। जहां पीएमसीएच में ले जाते वक्त उनकी मौत हो गई।
सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि वजीरे आला नीतीश कुमार अपनी पुलिस को भीड़ पर गोली चलाने से रोकें। वह किसी हालत में इस गोली का इस्तेमाल न करे। रामविलास पासवान के साथ लालगंज पुलिस फायरिंग के जाये हादसा का दौरा करने के बाद मोदी ने ये बातें कहीं। उन्होंने लालगंज वाकिया को इंतेजामिया की नाकामयाबी का रिजल्ट बताया और कहा कि इसे रोका जा सकता था।
पहले लालगंज और फिर जुमा को कटिहार में भी सड़क पर उतरे लोगों पर पुलिस फायरिंग की गई है। आम शहरियों की भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पुलिस का फायरिंग करना फिक्रमंद है। सरकार के लिए भी चैलेंज है कि आखिर आवाम गुस्सा क्यों हो रही है? पुलिस इत्मीनान के साथ कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है? इंतेजामिया वक़्त रहते कार्रवाई करने में नाकामयाब क्यों हो रहा है?
मोदी ने कहा है कि लालगंज पुलिस फायरिंग में राकेश नामी एक 16 साला लड़के की छाती में गोली लगी। गोली लगने के बाद राकेश को पुलिस उठा कर थाने ले आई और दो घंटे तक थाने में ही रखा। अगर वक़्त से पुलिस उसे अस्पताल पहुंचाई होती तो उसकी जान बच सकती थी।