लालू और मुलायम बनेंगे समधी

हिंदीपट्टी के दो इलाकाई दिग्गज जल्द ही रिश्तों की डोर में बंधनेवाले हैं। सपा सरबराह मुलायम सिंह यादव के पोते के साथ राजद सरबराह लालू प्रसाद की बेटी की होनेवाली शादी से दोनों खानदानों के दरमियान नजदीकी बढ़ने की इमकानात है। कुछ वक़्त पहले ही मुलायम सिंह के घर जनता परिवार के लीडरों ने भाजपा के खिलाफ मोरचा बनाने पर बहस की थी। बिहार के साबिक़ वजीरे आला नीतीश कुमार ने जनता परिवार के सभी पार्टियों के दरमियान मिल जाने की बात तक कही थी।

ज़राये का कहना है कि मुलायम सिंह के पोते और लालू प्रसाद की बेटी राजलक्ष्मी के दरमियान शादी की बात तय हो चुकी है। हाल ही में तेज प्रताप मुलायम की छोड़ी गयी मैनुपरी सीट से लोकसभा का जीमनी इंतिख़ाब जीत कर एमपी बने हैं।

तेजप्रताप मुलायम के भाई रणवीर सिंह के बेटे है। ज़राये के मुताबिक मुलायम के पोते तेज प्रताप और लालू की बेटी राजलक्ष्मी की सगाई दिसंबर में होगी, जबकि शादी फरवरी में। लोकसभा में सपा लीडर रामगोपाल यादव से जब सहाफ़ियों ने इस बारे में पूछा तो उन्होंने इसे पारिवारिक बात बताया। यह पूछने पर कि दो पार्टियों के लीडरो के दरमियान होनेवाले इस रिश्ते का कोई असर पड़ेगा, उन्होंने कहा कि सुचेता और कृपलानी जी भी अलग-अलग पार्टियों में थे। इसलिए परिवारिक रिश्ते और सियासत अलग-अलग चीजें हैं।

कभी रिश्तों में थी खटास

1990 के दशक में पसमानदा का लीडर बनने के मुद्दे पर दोनों लीडरों के दरमियान मुद्दा काफी मुखर हो गये थे। अवामी तौर पर सपा सरबराह मुलायम इस बात पर दुख जता चुके हैं कि साल 1997 मुश्तरका मोरचा हुकूमत के दौर में लालू के मुखालिफत की वजह ही वह वजीरे आजम नहीं बन सके। कांग्रेस की वजह से देवगौड़ा को हटाये जाने के बाद मुलायम वजीरे आजम के सबसे प्रबल दावेदार थे, लेकिन लालू के मुखालिफत की वजह से इंद्र कुमार गुजराल वजीर आजम बने। तभी से दोनों लीडरों के रिश्तों में कड़वाहट आ गयी थी।