झारखंड हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय जनता दल के सदर-ओ-साबिक़ चीफ मिनिस्टर बिहार लालू प्रसाद की दरख़ास्ते ज़मानत पर अपना फैसला महफ़ूज़ कर दिया। लालू प्रसाद चारा अस्क़ाम मुक़द्दमे में मुजरिम क़रार दिए गए हैं और पाँच साल की सज़ाए कैद भगत रहे हैं।
लालू प्रसाद की दरख़ास्त ज़मानत पर सी बी आई के वकील की उसकी मुख़ालिफ़त में दलायल की समाअत के बाद जस्टिस आर आर प्रसाद पर मुश्तमिल बेंच ने अपना फैसला कल तक के लिए महफ़ूज़ कर दिया । 25 अक्टूबर को अदालत ने एक और साबिक़ चीफ मिनिस्टर बिहार जगन्नाथ मिश्रा की उबूरी ज़मानत मंज़ूर की है।
लालू , मिश्रा और 43 दीगर को 30 सितंबर को ख़ुसूसी सी बी आई अदालत के जज प्रवास कुमार सिंह ने चारा अस्क़ाम में उन्हें मुजरिम क़रार देते हुए मुख़्तलिफ़ मीआद की सज़ाएं और मुख़्तलिफ़ मालीयाती जुर्माने सुनाए थे। लालू और दीगर ने अदालत के इस फैसले के ख़िलाफ़ हाइकोर्ट में अपील की है। लालू ने दरख़ास्ते ज़मानत भी दाख़िल की है।