गया 8 जुलाई : बोधगया में हुए दहशत गर्दाना हमले के साथ ही सियासत भी शुरू हो गई। कुछ दिनों पहले तक रियासत हुकूमत में शामिल बीजेपी ने इसे पूरी तरह से नीतीश कुमार हुकूमत की नाकामयाबी करार दिया, तो लालू यादव ने कहा कि उनके राज में कभी इस तरह की हरकते नहीं हुई थी। नीतीश कुमार के साथ मुस्तकबिल में रिश्तों को देखते हुए कांग्रेस ने सधी हुई राय दी है।
बोधगया हमले के साथ ही बिहार के वज़ीरे आला नीतीश कुमार पर सियासी हमले भी शुरू हो गए। उनके रवायती मुखालिफ लालू यादव ने तो उन पर निशाना साधा ही, कुछ दिन पहले तक साथी रही बीजेपी ने भी जमकर वार किए। दोनों ने हमलों के लिए पूरी तरह से रियासत हुकूमत को मुजरिम करार दिया। कुछ दिन पहले तक बीजेपी रियासत हुकूमत का हिस्सा थी। लेकिन अब सियासी फायदे को देखते हुए यहां तक कहा कि वज़ीरे आला रियासत की बिगड़ती कानून नेजाम की बात मानने को ही तैयार नहीं है।
बीजेपी लीडर सुशील मोदी ने कहा कि दहशतगर्दों को शहीद मानने का काम लश्कर कर सकती है। लेकिन जदयू या दीगर पार्टी करे तो सही नहीं। जब भी कोई मंत्री लॉ-ऑर्डर की शिकायत करता था तो वज़ीरे आला जी उसे डांट देते थे। कल इस वाकिया के विरोध मुखालिफ में बीजेपी का गया बंद रहेगा।
आरजेडी सदर लालू यादव ने कहा कि ये सबसे बड़ी नाकामी है नीतीश कुमार की। पहले क्यों नहीं कदम उठाया। नीतीश कुमार और बीजेपी का इत्तेहाद टूटा है वो सिर्फ अपने मुखाल्फीन को चित्त करने में लगे हैं। बाकी कोई काम नहीं।
वहीं, बीजेपी से जेडीयू के रिश्ते खत्म होने के बाद से कांग्रेस नीतीश कुमार पर हमला करने से बच रही है। कांग्रेस लीडर दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर ही हमला करते हुए नीतीश को बीजेपी से होशियार रहने की बात कही।
वैसे वज़ीरे आज़म मनमोहन सिंह ने इस हमले की शदीद मज्मत की है। उन्होंने कहा कि इस तरह की बुज्दिलाना हरकत के मुजरिमों को बख्शा नहीं जाएगा। हालांकि मर्क़जी एजेंसियों के रियासत हुकूमत के साथ तालमेल पर वो भी चुप्पी साधे रहे।