देही तरक़्क़ी और पीने के पानी के रियासती वज़ीर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि लालू-नीतिश के करीब आने से बिहार की सियासत में कोई फर्क नहीं पडेगा। बिहार के साबिक़ वजीरे आला नीतीश कुमार और राजद सरबराह लालू प्रसाद के पास आने को मौकापरस्त बताते हुए आज दावा किया कि आवाम के ठुकराए इन दोनों लीडरों के मिलन का बिहार की सियासत पर कोई असर नहीं पडेगा।
कभी एक दूसरे के मुखालिफत रहे नीतीश और लालू के करीब आने और उनके साथ मिलकर अगला बिहार विधानसभा इंतिख़ाब लडने के इशारे के बारे में कुशवाहा ने आज कहा कि ‘जीरो प्लस जीरो बराबर जीरो होता है’। दोनों के साथ मिलने से कुछ होने वाला नहीं है।
नीतीश के कभी करीबी माने जाने वाले कुशवाहा ने उनपर हमला बोलते हुए कहा कि राजद सरबराह के ‘जंगल राज’ को हटाने की वे मुसलसल बात करते रहे और अब उन्हीं को ताकत देने में लग गए हैं। नीतीश के उस तर्क कि भाजपा के खिलाफ सेकुलरिज़्म ताकतों को गोलबंद किया जाना वक़्त की मांग है, को खारिज करते हुए कुशवाहा ने कहा कि सच्चाई यह है कि ये दोनों बिहार में अपनी सियासी जमीन को खिसकता देख पास आए हैं।
हाल में लोकसभा चुनाव में भाजपा और लोजपा के साथ तालमेल कर चुनाव लडने वाले राजग के इत्तेहादी जमात राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के क़ौमी सदर कुशवाहा ने नीतीश को उनका पुराना आवाज कि वे लालू के मुकाम पर नहीं आए बल्कि उनके ऑप्शन हैं, याद दिलाया।
उन्होंने कहा कि ‘बडे भाई’:लालू प्रसाद: और ‘छोटे भाई’:नीतीश कुमार: आवाम के मुफाद की खातिर नहीं अपने-अपने हितों की खातिर पास आए हैं।