पटना: एक ज़िलाई अदालत ने गुज़िश्ता लोक सभा इंतेख़ाबात के दौरान आरजेडी सदर लालू प्रसाद यादव के ख़िलाफ़ दर्ज एक केस को रियासती हुकूमत की दरख़ास्त पर बंद कर दिया है। चंद यौम क़बल भी हुकूमत ने आरजेडी के ज़ेर-ए-एहतेमाम बंद के दौरान पुरतशद्दुद वाक़ियात के सिलसिले में लालू यादव और उनके2 फ़रज़न्दों के ख़िलाफ़ एक और केस बंद कर देने की गुज़ारिश की थी।
जोडिशियल मजिस्ट्रेट गायत्री कुमार ने साल2014 में परी बाज़ार पुलिस स्टेशन पटना में लालू यादव के ख़िलाफ़ दर्ज केस को पब्लिक प्रॉसिक्यूटर की दरख़ास्त पर बंद कर देने के अहकामात जारी किए। आरजेडी सरबराह के ख़िलाफ़ ये केस सर्किल ऑफीसर फुलवारीशरीफ सुनीता प्रसाद के बयान पर 5 अप्रैल 2014 को दर्ज किया गया था जिसमें ये शिकायत की गई थी कि हलक़ा लोक सभा पाटली पुत्र में इंतेख़ाबी मुहिम के दौरान रोड शो की तस्वीरकशी से एक फ़ोटोग्राफ़र को रोक दिया गया था।
इस हलक़े से लालू यादव की दफ़्तर मीसा भारती को मर्कज़ी वज़ीर राम कृपाल यादव ने शिकस्त देदी थी। गुज़िश्ता साल आर जे डी के बंद के दौरान हंगामा-आराई और सरकारी ओहदेदारों को दफ़ातिर जाने से रोकने पर लालू यादव और उनके दो फ़रज़न्दों जोकि अब वज़ीर बन गए हैं के ख़िलाफ़ दर्ज केसों से दसतबरदारी का ऐलान किया गया था और पब्लिक प्रॉसिक्यूटर की दरख़ास्त पर चीफ़ हुडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट पटना ने19 जनवरी को ये दरख़ास्त मंज़ूर करली थी|