लालू मोदी से लड़ने को तैयार

चारा घोटाले (आरसी 20 ए/96) में जमानत मिलने के बाद बिहार के साबिक़ वजीरे आला और राजद सरबराह लालू प्रसाद 77 दिन बाद पीर को बिरसा मुंडा मर्कज़ी जेल से बाहर आ गये। बाहर आते ही वह सरगर्म हो गये।

राष्ट्रीय जनता दल के सरबराह लालू प्रसाद यादव ने कहा कि, फिरकापरस्त ताकतों को रोकने के लिए किसी का भी साथ मंजूर है। उन्हें रोकने के लिए कांग्रेस के साथ मिल कर काम करेंगे। नरेंद्र मोदी या कोई भी मोदी हो, उसे दिल्ली की इक्तिदार में नहीं आने दिया जायेगा। उन्होंने कहा : अब मैं बाहर आ गया हूं और कच्छा पहन कर लड़ने को तैयार हूं। मुल्क में घूम-घूम कर सेकुलर ताकतों के साथ इत्तिहाद करूंगा।

फिरकापरस्त ताकतों को हस्तिनापुर से दूर रखूंगा। जेल से निकल कर लालू प्रसाद दिउड़ी मंदिर गये। कारकुनान को खिताब किया। लालू के साथ तकरीबन 70 गाड़ियों का काफिला दिउड़ी मंदिर पहुंचा था। देर रात उन्होंने स्टेट गेस्ट हाउस में वजीरे आला हेमंत सोरेन से मुलाकात की।

लालू प्रसाद यादव ने कहा कि, “बीजेपी और जेडीयू दोनों ने बिहार की आवाम को धोखा दिया है और बिहार की आवाम दोनों को सबक सिखा देगी।” उन्होंने कहा कि “मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कहना चाहता हूँ कि नीतीश कुमार ने यह कदम लालकृष्ण आडवाणी के कहने पर उठाया है।”

पूरे वाकिया पर कांग्रेस ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। जेडीयू के साथ किसी तरह के समीकरण को लेकर पूछ गए एक सवाल के जवाब में कांग्रेस जेनरल सेक्रेटरी जनार्दन द्विवेदी ने कहा, “पहले उन्हें आपस में तय करने दीजिए।”
कांग्रेस लीडर शकील अहमद ने कहा है कि देर से ही सही, यह सही कदम है। उन्होंने कहा, “हम नीतीश कुमार को मुबारकबाद देते हैं। वह मुल्क का नुकसान करने वाले इत्तिहाद से बाहर आए हैं।”