लालू यादव के परिवार पर लगी तीन एजेंसियां, पहले आयकर फिर सीआईडी अब ईडी

पटना : राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों पर इस समय भ्रष्टाचार के तीन अलग-अलग जांच के मामले तीन केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से चल रही है. इससे पहले लालू प्रसाद पर चारा घोटाले का मामला फिर से खुल गया है. इसमें उनकी रांची स्थित सीबीआइ के विशेष कोर्ट में पेशी शुरू हो गयी है.
शुक्रवार को आय से अधिक संपत्ति और रेलवे मंत्री रहने के दौरान अपने पद का दुरुपयोग करने के मामले में लालू प्रसाद पर हुई कार्रवाई के तहत ही आवास पर करीब 11 घंटे छापेमारी चली. इससे पहले आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति के मामले में लालू प्रसाद के करीबियों के यहां छापेमारी करके उन्हें घेरने की शुरुआत कर चुका था. इस मामले में उनकी बड़ी बेटी मीसा से पूछताछ के लिए कई बार आयकर नई दिल्ली बुला भी चुका है.  इसके बाद इडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने लालू प्रसाद की बड़ी बेटी और सांसद मीसा भारती और उनके पति शैलेश कुमार को मनी लांड्रिंग एक्ट में घेर चुका है. इनके बीच में सीबीआइ ने अब तक की सबसे ठोस कार्रवाई की है.
तीनों एजेंसियों की तरफ से दर्ज किये गये तीनों मामले में लालू प्रसाद के चार सहयोगियों के नाम एक सामान रूप से हैं, जिसमें उनके पार्टी के राज्यसभा सांसद प्रेमचंद गुप्ता, उनकी पत्नी सरला गुप्ता व बेटा के अलावा होटल चाणक्या के मालिक कोचर बंधु (विजय, विनय एवं हर्ष) के नाम सामान्य रूप से जुड़े हुए हैं. इनके अलावा तीनों मामलों में कुछ अन्य लोग भी नामजद अभियुक्त हैं.
आयकर ने नयी दिल्ली में छापेमारी कर शुरू किया था इस सिलसिले को
सीबीआइ
तीन सदस्य नामजद
सीबीआइ के केस में परिवार के तीन सदस्यों को नामजद अभियुक्त बनाते हुए एफआइआर दर्ज की गयी है. इसमें लालू प्रसाद के अलावा पत्नी राबड़ी देवी और छोटे बेटे तेजस्वी प्रसाद यादव शामिल हैं.
7 जुलाई को हुई यह छापेमारी मई 2004 के मामले में की गयी है, जिसमें उन्होंने अपने रेलवे मंत्री कार्यकाल के दौरान अपने पद का दुरुपयोग करके ठेका एवं ठेकेदारी में बड़े स्तर पर धांधली की गयी और कुछ खास व्यवसायियों को जमकर फायदा पहुंचाया गया. इस पूरे खेल में जमीन से लेकर पैसे तक का लाभ प्राप्त किया गया है, जिसमें राबड़ी देवी और तेजस्वी का नाम भी शामिल हैं. परिवार के सदस्यों के अलावा इस मामले में उनके करीबी रहे व्यावसायी और आइआरसीटीसी के पूर्व एमडी भी शामिल हैं.
आयकर
बेटी-दामाद और बेटा फंसे
इससे पहले आयकर विभाग ने 16 मई को बेनामी संपत्ति के मामले में नई दिल्ली, गुड़गांव, फरीदाबाद, नोएडा समेत 25 ठिकानों पर व्यापक छापेमारी की थी. नयी बेनामी एक्ट, 2016 के अंतर्गत पहली बार इतनी बड़ी कार्रवाई की गयी थी. इसमें करीब डेढ़ हजार करोड़ से ज्यादा की अवैध संपत्ति का खुलासा हुआ था.
इसमें सांसद प्रेमचंद गुप्ता, चाणक्या होटल के मालिक कोचर बंधु और हवाला कारोबारी विवेक नागपाल, अमित कातयाल, सुभाष गोयल समेत सात के नाम सामने आये थे. जांच में आया कि लालू प्रसाद और उनके परिवार वालों के रुपये भी इन कंपनियों में लगे हुए हैं. इससे जुड़े कई दस्तावेज भी मिले थे. इस मामले में बेटी मीसा और दामाद शैलेश से पूछताछ के लिए 5 और 7 जून को आयकर ने इन्हें बुलाया भी था.
इडी
बेटी-दामाद और बेटे का नाम
इडी ने मनी लांड्रिंग के मामले में सबसे पहले नई दिल्ली के जाने-माने व्यावसायी और रेडीसन ब्ल्यू होटल के मालिक जैन बंधु (वीरेंद्र और सुरेंद्र जैन) को दबोच कर जेल भेजा. फिर इनके सीए राजेश अग्रवाल को गिरफ्तार किया. तब इसमें भी मीसा भारती और शैलेश कुमार और उनकी कंपनी मिशैल पैकर्स एंड एक्सपोर्ट लिमिटेड का नाम सामने आया.
इसी कंपनी के जरिये नोटबंदी के बाद 20 करोड़ रुपये ब्लैक को व्हाइट करने का खेल हुआ था. कंपनी के शेयर से 100 करोड़ रुपये को सफेद किया जा चुका है. इसमें इनके बेटे का नाम भी सामने आ रहा है. मनी लांड्रिंग के आरोप में बेटी व दामाद के खिलाफ इडी कभी भी बड़ी कार्रवाई कर सकता है. यह तय मानी जा रही है.