लालू समेत 45 मुलजिमों के खिलाफ फैसला आज

चारा घोटाले में साबिक़ वज़ीरे आला लालू प्रसाद और जगन्नाथ मिश्र समेत 45 मुल्जिमान के मामले में आज फैसला सुनाया जायेगा। सीबीआइ के खुसूसी जज पीके सिंह आरसी 20ए/96 में फैसला सुनायेंगे। सनाह दर्ज होने के तकरीबन 17 साल बाद इस मामले में फैसला सुनाया जायेगा। चारा घोटाले का यह एक ऐसा मामला है, जिसमें छह सियासी, चार आइएएस अफसर, एक आइआरएस अफसर, आठ जनवानों को पालने वाला और एक ट्रेजरी अफसर और 25 सप्लायरों ने अदालती कार्रवाई का सामना किया है।

सुबूत के तौर पर 18 बक्सा दस्तावेज

सीबीआइ ने मामले की जांच के बाद तमाम मुल्जिमान पर लगाये गये इल्ज़ाम को साबित करने के लिए अदालत में तसवीरें और दस्तावेज सुबूत के तौर पर जमा कराया। सीबीआइ की तरफ से सुबूत के तौर पर कुल 60 हजार पन्ने अदालत में जमा कराये गये थे। इसके अलावा मुल्ज़िम ने खुद को बेक़सूर साबित करने के लिए अलग-अलग दस्तावेज जमा कराये थे। बिहार के मौजूदा वज़ीरे आला लालू प्रसाद की तरफ से अपने बचाव में दस्तावेज के अलावा 210 पन्नों का तहरीरी मौक़िफ़ भी पेश किया गया है।

गायों की पूजा कर निकले रांची

नहा-धोकर निकले, कुल देवता की पूजा की और लालू प्रसाद निकल पड़े रांची की तरफ. चारा घोटाले के मामले 20 ए / 96 आज खुसूसी अदालत का फैसला आना है। भीड़ से बचते हुए 11 बजे वह दानापुर के नया टोला वाक़ेय कृष्ण गौशाला पहुंचे, जहां काफी देर तक पूजा-अर्चना की। वहां से वह हवाई अड्डा पहुंचे और इंडिगो के जहाज़ से बेटे तेजस्वी के साथ रांची के लिए रवाना हुए। कानूनी तजवीज के मुताबिक, लालू प्रसाद को फैसला सुनाते वक़्त अदालत में मौजूद रहना है। रांची वाक़ेय सीबीआइ की खुसूसी अदालत में लालू समेत तमाम मुल्जिमान की मौजूदगी में खुसूसी जज प्रवास कुमार सिंह फैसला सुनायेंगे।

बिहार, झारखंड, यूपी के क़ायेदीन जुटे थे

रांची एयरपोर्ट पर लालू प्रसाद के एहतेजाज में झारखंड के वज़ीर अन्नपूर्णा देवी, सुरेश पासवान समेत एसेम्बली रुक्न संजय प्रसाद यादव, संजय सिंह यादव, जानर्दन पासवान, रियासती सदर गिरिनाथ सिंह समेत कई लीडर पहुंचे थे। मिस्टर प्रसाद के एहतेजाज में एयरपोर्ट से लेकर बीएनआर चाणक्य तक बिहार-झारखंड के क़ायेदीनों का हुजूम जुटा था। इनमें बिहार एसेम्बली रुक्न में पार्टी एसेम्बली रुक्न दल के लीडर अब्दुल बारी सिद्दीकी, साबिक़ मर्कज़ी वज़ीर मो अली अशरफ फातमी, जयप्रकाश यादव, रामकृपाल यादव, एसेम्बली रुक्न सम्राट चौधरी, डॉ फयाज अहमद, मो शाहीन, सुरेंद्र यादव, साबिक़ वज़ीर सुरेश पासवान, रामचंद्र राय, राम लखन राम, उत्तर प्रदेश राजद के सदर अशोक सिंह, उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लीडर मो गुलाम गौस शामिल थे।