लालू प्रसाद का सियासी मुस्तकबिल दाव पर है। लालू करिश्माई लीडर रहे हैं। लालू प्रसाद सियासत से आउट हुए, तो झारखंड में भी सियासी फिजा बदलेगी। यूपीए के अंदर का रियाज़ी गड़बड़ा सकता है। अध्यादेश को वापस लेने के मुद्दे पर राजद-कांग्रेस के दरमियान दूरी बढ़ने का प्लॉट भी तैयार हो रहा है। कांग्रेस-राजद के दरमियान खटास बढ़ी, तो रियासत में हेमंत सोरेन हुकूमत पर भी बहरान के बादल घिर सकते हैं। राजद के पांच एसेम्बली रुक्न हुकूमत को हिमायत दे रहे हैं।
राजद का कुनबा बिखर सकता हैं :
चारा आने वाले वक़्त में राजद का कुनबा बिखर सकता है। लालू प्रसाद की तंज़िम में दखल कम होगी, तो रियासत में राजद के क़ायेदीनों को रोकने-टोकने वाला भी नहीं होगा। राजद के कई एसेम्बली रुक्न पहले दूसरी पार्टियों को राब्ते में रहे थे। रियासत में हेमंत सोरेन हुकूमत की तशकील कर लालू ने एसेम्बली रुक्न को इधर-उधर जाने से रोकने में कामयाब रहे। मर्कज़ में यूपीए की तसवीर बदली, तो रियासत के एसेम्बली रुक्न आने वाले वक़्त में इधर-उधर कर सकते हैं। राजद में इंतिखाबी रियाजी गड़बड़ देख लीडर दूसरे पार्टियों में ठिकाना तलाश सकते हैं।