नई दिल्ली : लाल किले के अंदर पिछले एक हफ्ते में 11 ‘आतंकवादियों’ ने ‘घुसपैठ’ की कोशिश की। कभी कोई ‘मानव बम’ बनकर पहुंचा तो कभी कोई आर्मी या पुलिस की वर्दी पहनकर। हद तो तब हो गई जब एक शख्स ने फर्जी आई कार्ड के जरिए अंदर घुसने की कोशिश की। एक ‘आतंकवादी’ तो भगवा चोला पहनकर घुसने की कोशिश करने लगा। लेकिन इन सभी को फौरन दबोच लिया गया।
चौंकिए नहीं… दरअसल लाल किले की सुरक्षा जांचने के लिए दिल्ली पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स की सिक्यॉरिटी विंग लाल किले में बार-बार ‘डमी टेररिस्ट’ भेजकर सुनिश्चित करने में जुटी हुई है कि सुरक्षा इंतजाम में कहीं कोई चूक न रह जाए। 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर होने वाले भव्य समारोह की वजह से लाल किले को सील कर दिया गया है। चप्पे चप्पे पर सुरक्षाबल तैनात हैं। चारों ओर सीसीटीवी की पैनी नजरें हैं। इन सबकी सतर्कता परखने के लिए सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े लोग अपनी असली पहचान छिपाते हुए डमी टेररिस्ट बनकर सुरक्षा चक्र तोड़ने की कोशिश करते हैं।
सूत्रों की मानें तो इनमें स्पेशल सेल और स्पेशल ब्रांच के जवान भी होते हैं। सुरक्षा में तैनात जवानों और अफसरों को इनके आने की पहले से कोई सूचना नहीं दी जाती। ये अचानक पहुंच जाते हैं। अगर कोई डमी टेररिस्ट सुरक्षा चक्र तोड़ने में कामयाब हो जाता है तो वह जिन सुरक्षा जांच पॉइंट्स को तोड़कर अंदर पहुंचता है, वहां तैनात जवानों पर लापरवाही के आरोप में ऐक्शन लिया जाता है।
पिछले साल हुई थी किरकिरी
पिछले साल 15 अगस्त पर लाल किले में सुरक्षा में लापरवाही की बात सामने आई थी। इसी वजह से दिल्ली पुलिस के कई जवानों और एसीपी रैंक के अफसर को फटकार झेलनी पड़ी थी। इसलिए इस बार डमी टेररिस्ट के जरिए असलियत परखी जा रही है। बहरहाल, इस बार चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बंदोबस्त है। अफसर इसे अब तक की सबसे बड़ी सुरक्षा व्यवस्था बता रहे हैं।