लाल-पीली बत्ती पर अदालत की रोक

झारखंड के अदालती ओहदेदार अब ज़ाती गाड़ियों पर लाल-पीली बत्ती नहीं लगा पायेंगे। हाइकोर्ट ने अदालती ओहदेदारों की तरफ से किये जा रहे बीकॉन लाइट के गलत इस्तेमाल पर सख्त मौकिफ अपनाया है। अदालत ने मुतहत अदालतों में मुकर्रर अदालती ओहदेदारों को प्राइवेट गाड़ियों में लाल-पीली बत्ती लगाने पर रोक लगा दी है। इन्हें प्राइवेट गाड़ियों पर नेम प्लेट भी नहीं लगाने की हिदायत दिया गया है। हाइकोर्ट के इंतेजामिया अनंत विजय सिंह ने बुध को इस इरादे की हुक्क जारी किया है।

कहा गया है कि अगर अदालती अफसर हुक्म की खिलाफ वरज़ी करेंगे, तो उनके खिलाफ तादीबि कार्रवाई की जायेगी। हुक्म की कॉपी रियासत के तमाम प्रिन्सिपल जिला और सेशन जस्टिस , न्यायायुक्त, जिला जज रैंक के ओहदेदार को भेज दी गयी है।

हाइकोर्ट की स्टैंडिंग कमेटी ने लिया फैसला
झारखंड हाइकोर्ट की स्टैंडिंग कमेटी की हिदायत पर अदालती ओहदेदारों के ज़ाती गाड़ियों पर बीकॉन लाइट लगाने पर रोक लगायी गयी है। हाइकोर्ट को शिकायत मिली थी कि रियासत में मुकर्रर अदालती ओहदेदार कवानीन की खिलाफ वरजी कर ज़ाती गाड़ियों में लाल-पीली बत्ती लगा रहे हैं। इसके अलावा इन गाड़ियों में नेम प्लेट भी लगाये गये हैं।