लिंगमपेट तहसील ऑफ़िस से मुहरबंद पास बुक्स ग़ायब

मंडल लिंगमपेट तहसील ऑफ़िस में मुहरबंद कर के रखे गए पट्टा पास बुक्स ग़ायब करदिए गए। पिछ्ले साल अक्टूबर में तब के जवाइंट कल्टर हर्षा वर्धन ने तक़रीबन 200 पास बुक्स और कुछ ज़रूरी काग़ज़ात को तब के लिंगमपेट वि आर ओ कुशा रेड्डी के रुम से बरामद करते हुए मुहरबंद कर दिया गया था और उन पास बुक्स को लिंगमपेट तहसील ऑफ़िस पर महफ़ूज़ रखा गया था जिस को सेल खोल कर देखने पर इस में सिर्फ़ 24 पास बक्स बाक़ी रहे जिस पर रेवेन्यू ओहदेदार मुख़्तलिफ़ मुवाज़ात के किसानों ने हैरत का इज़हार किया।

तहसील ऑफ़िस से कसरत से पास बुक्स ग़ायब होने पर कई शुबहात पैदा होरहे हैं। लालच में आकर ही एक दो रेवेन्यू ओहदेदार ही ऑफ़िस से पास बक्स ग़ायब करने के इल्ज़ामात आरहे हैं।

नक़ली पास बस के स्कैंडल में तब के तहसीलदार टी आर ओमा वि आर ओ कश्टा रेड्डी को ज़िला कलेक्टर ने मुअत्तल कर दिया था। इस मुआमले में शामिल् और कुछ अफ़राद पर रियासती हाई कोर्ट में मुक़द्दमा चल रहा है इस लिए मुहरबंद किए गए नक़ली पास बुक्स को ग़ायब कर के रेवेन्यू ओहदेदारों को राहत पहुंचाने के लिए ये काम अंजाम दिया गया।

नहीं तो लालच में आकर नक़ली पास बुक्स फ़रोख़त करदिए गए। मौजूदा तहसीलदार सालिम बिन यहया ने बताया कि इस ताल्लुक़ से ज़िला कलेक्टर और कामा रेड्डी आर डी ओ को तफ़सीलात से आगाह किया जाएगा।

तहसीलदार ने बताया कि में अभी नया नया मंडल को आया हूँ मुझे इस ताल्लुक़ से कोई मालूमात नहीं है। मंडल लिंगमपेट् के
आइलापुर मौज़ा के साई कुमार नामी फ़र्द के घर से सात पास बुक्स ज़बत करलिए गए।

वि आर ओ रवी कुमार ने बताया कि साई कुमार के घर पास बुक्स होने की इत्तेला पर जाकर छानबीन करने से पास बक्स हाथ लगे। उसाल साईलो लिंगमपेट के पास बुक्स ज़बत किए गए जिस को तहसीलदार के हवाले कर दिया गया।

चार मवाज़आत से ताल्लुक़ रखने वाले किसानों के पास बुक्स इस तरह हाथ आने पर मुख़्तलिफ़ शकूक शुबहात पैदा होरहे हैं। साई कुमार माज़ी में आई ओ बी बैंक में पैरवी करते हुए मुख़्तलिफ़ अफ़राद को क़र्ज़ दिलाने का काम करता था इसी लिए इस के हाँ पास बुक्स दस्तयाब होने की मुक़ामी अफ़राद बात कररहे हैं।

पहले इसी मुआमले में तहसीलदार वि आर ओ को मुअत्तल किया गया था और उनके ख़िलाफ़ मुहरबंद किए गए पास बुक्स ग़ायब होना मामूली बात नहीं इस के पीछे ख़ुद कोई ना कोई रेवेन्यू अमला अपना खेल खेल रहा है। इस मुआमले की मुकम्मिल तहक़ीक़ात होना ज़रूरी है।