इन्कम टैक्स महकमा उन लीडरों की कमाई का हिसाब लगाने में जुट गया है, जिनकी जायदाद महज पांच साल में चार से पांच गुनी हो गयी है। इन्कम टैक्स महकमा की टीम ने बिहार और झारखंड के ऐसे दर्जनों लीडरों को निशानदेही किया है।
उन्होंने 2009 के लोकसभा इंतिख़ाब में अपनी जायदाद का जो तफ़सीलात दिया था, वह इस बार के लोकसभा इंतिख़ाब में चार से पांच गुना बढ़ चुकी है। बढ़ी हुई जायदाद का इन्कम टैक्स भी इन लीडरों ने जमा नहीं किया है। हालांकि, इन्कम टैक्स महकमा ने फिलहाल इन लीडरों के नाम बताने से इनकार किया है। इन्कम टैक्स महकमा ने इंतिख़ाब अमल के दरमियान ही बिहार और झारखंड के तमाम सियासी पार्टियों को नोटिस जारी कर अपने खर्च की तफ़सीलात देने को कहा था। लेकिन, कई पार्टियों ने अब तक इसका जवाब नहीं दिया है। ऐसे में इन्कम टैक्स महकमा ने इंतिख़ाब खत्म होने के बाद ऐसे पार्टियों से इंतिख़ाब खर्च की तफ़सीलात लेने की तैयारी की है।
महकमा के बिहार-झारखंड मुक़ामी दफ्तर के डाइरेक्टर कुमार संजय ने कहा कि इंतिख़ाब खत्म होने के बाद पार्टियों के खर्च का हिसाब किया जायेगा। इन्कम टैक्स महकमा ने उम्मीदवारों के इंतिखाबी खर्च और उसके जरिये को लेकर कुल पांच तरह की जांच शुरू करने का फैसला किया है। इनमें सबसे पहले उन उम्मीदवारों की जांच होगी, जिन्होंने इंतिख़ाब में जीत हासिल की है। इसके अलावा टॉप तीन में आनेवाले उम्मीदवारों के खर्च और उसके आमदनी के ज़रिए की जांच की जायेगी।
ऐसे हुआ खुलासा
डाइरेक्टर ने बताया कि हमने कुछ उम्मीदवारों की जायदाद की भी जांच शुरू कर दी है। ये वैसे लीडर हैं, जिन्होंने 2009 का लोकसभा इंतिख़ाब भी लड़ा था। 2009 के मुकाबले 2014 में उनकी जायदाद में कई गुना इजाफा हो चुकी है, जबकि उनके तरफ से दिये जानेवाले इन्कम की रकम में कोई खास इजाफा दर्ज नहीं की गयी है। महकमा अब यह पता लगाने की कोशिश में है कि आखिर महज पांच साल में इन लीडरों की जायदाद में मल्टीपल इजाफा कैसे हो गयी। कुमार संजय ने बताया कि लोकसभा इंतिख़ाब के बाद ऐसे लीडरों की जायदाद की जांच शुरू की जायेगी।
एक करोड़ 11 लाख का कोई मालिक नहीं
लोकसभा इंतिख़ाब के दौरान इन्कम टैक्स महकमा ने बिहार और झारखंड से कुल एक करोड़, 11 लाख नकद जब्त कर उसे आमदनी के तौर में हुकूमत के खाते में जमा करा दिया है। महकमा को इस रकम का कोई दावेदार नहीं मिला।