लीबिया के माज़ूल सदर मुअम्मर क़ज़ाफ़ी हलाक

त्रिपोली, 21 अक्टूबर ( ए एफ़ पी/ ए पी) लीबिया के माज़ूल सदर मुअम्मर क़ज़ाफ़ी को हलाक करने का दावे किया गया है क़ौमी उबूरी कौंसल के ओहदेदार अबदुलमजीद ने कहा कि मुअम्मर क़ज़ाफ़ी के दोनों पैर ज़ख़मी हैं।

उन्हें ज़ख़मी पैरों के साथ गिरफ़्तार करलिया गया। एम्बूलैंस के ज़रीया उन्हें मुंतक़िल किया गया है जहां पर वो ज़ख़मों से जांबर हो सकी। ग़ैर मुसद्दिक़ा टी वी रिपोर्ट में बताया गया कि मुअम्मर क़ज़ाफ़ी हलाक हो चुके हैं।

क़ब्लअज़ीं क़ौमी उबूरी कौंसल के सीनीयर फ़ौजी ओहदेदार ने बताया कि दिन भर उन के मज़बूत गढ़ में घमसान की लड़ाई होती रही ताहम अमरीकी स्टेट डिपार्टमैंट ने कहा कि वो मुअम्मर क़ज़ाफ़ी की गिरफ़्तारी या हलाकत की तौसीक़ नहीं कर सकता।

अगरचे कि लीबीयाई हुकूमत के बाग़ीयों ने मुअम्मर क़ज़ाफ़ी के आबाई वतन सुरत में बताया कि वो ऐनी शाहिद है। बाग़ीयों ने मुअम्मर क़ज़ाफ़ी को उन के आबाई टाऊन से गिरफ़्तार किया है।

वो पूरी लड़ाई के दौरान चीख़ कर कह रहे थे कि गोली मत चलाओ, गोली मत चलाओ लीबीयाई उबूरी हुकूमत के बाग़ीयों ने उन्हें आज उन के आबाई टाऊन में गिरफ़्तार करलिया है।

माज़ूल सदर के वफ़ादार सिपाहीयों ने आख़िरी लम्हा तक ग़ैरमामूली मुज़ाहमत की। गुज़श्ता दो माह के दौरान शदीद लड़ाई के बाद बाग़ीयों ने इस मार्का आराई में आख़िरी कामयाबी हासिल करने का ऐलान किया है।

सुरत पर क़बज़े का मतलब हुक्मराँ क़ौमी उबूरी कौंसल ने अपने नई जमहूरी निज़ाम को नाफ़िज़ करने का अमल शुरू किया है। ये अमल क़ज़ाफ़ी हुक्मरानी की तमाम ख़राबियों को दूर करेगा।

मुअम्मर क़ज़ाफ़ी को 42 साल की हुक्मरानी के बाद 23 अगस्त को बाग़ीयों ने बेदख़ल कर दिया था। तेल की दौलत से मालामाल शुमाल अफ़्रीक़ी मुलक लीबिया पर उन्हों ने तवील मुद्दत तक हुकूमत की। क़ौमी उबूरी कौंसल के कर्नल यूनुस अलाबदाली ने कहा कि सुरत को आज़ाद करा लिया गया है।

अब यहां पर मुअम्मर क़ज़ाफ़ी की कोई फ़ौज नहीं है। अब हम उन के लड़ाका अफ़्वाज का तआक़ुब कररहे हैं जो इस इलाक़े से फ़रार होने की कोशिश कररहे हैं। सरकारी फ़ौज ने सुर्ख़, स्याह और सबज़ रंग के पर्चम को लहराया है। क़बज़ा करदा टाऊन पर भी बाग़ी ग्रुप फायरिंग करके जश्न मना रहे हैं। एक नौजवान बाग़ी मुलक अलगनतरी ने कहा कि लीबिया अब मशरिक़ से मग़रिब तक आज़ाद हो चुका है।

वो तरह बुल्स से यहां आकर गुज़श्ता दो हफ़्तों से लड़ाई लड़ रहा था। इस ने कहा कि अब में अपने घर जाऊंगा, में अपनी वालिदा को देखना चाहता हूँ। क़ज़ाफ़ी के आबाई वतन सुरत के मर्कज़ी मुक़ाम पर क़ौमी उबूरी कौंसल के सैंकड़ों सिपाही जमा हुए और अल्लाह अकबर के नारे लगाई, इस के साथ फायरिंग की आवाज़ें भी सुनाई दें।

सड़कों पर जश्न का माहौल था। इन में से एक 65 साला शख़्स ने जो एक आँख से नाबीना था , कहा कि ये मेरी ज़िंदगी का सब से बेहतरीन दिन ही। सारा शहर आज़ाद करा लिया गया ही। मुजरिम क़ज़ाफ़ी के चंगुल से इस शहर को छुड़ा लिया गया।

लेकिन क़ज़ाफ़ी के तक़रीबन 100 वफादारों पर मुश्तमिल एक ग्रुप ने जो 40 गाड़ीयों में सवार होकर इस इलाक़े में गशत कररहा था, कहा कि मुअम्मर क़ज़ाफ़ी की गिरफ़्तारी का दावे ग़लत ही। बाग़ीयों ने सुबह के अव्वलीन साअतों में इस वक़्त कार्रवाई की है जब हम नमाज़ के लिए उठे थे।

डाक्टर अबदालरओफ़ मुहम्मद जो क़ौमी उबूरी कौंसल के फ़ौज में शामिल हैं, कहा कि मुअम्मर क़ज़ाफ़ी के लोग मग़रिब की तरफ़ भाग गए हैं। लेकिन इन्क़िलाबीयों ने इन का मुहासिरा करलिया है और उन से निमट रहे हैं।

अबदूस्सलाम मुहम्मद ने कहा कि क़ौमी उबूरी कौंसल के दर्जनों ट्रिक्स भारी मशीनगनों से लैस होकर मग़रिब की सिम्त जा रहे हैं ताकि वहां बच जाने वाले मुअम्मर क़ज़ाफ़ी के बाग़ीयों को गिरफ़्तार किया जा सकी।

इसी दौरान लीबीयाई उबूरी कौंसल के एक और रुकन हुस्न दुरूह ने कहा कि अब हम ने लीबिया को मुकम्मल तौर पर आज़ाद करलिया है। क़ब्लअज़ीं इस हफ़्ता इन्क़िलाबी बाग़ीयों ने मुअम्मर क़ज़ाफ़ी के एक और गढ़ बनी वलीद पर भी क़बज़ा कर लिया था और आज 700 मुरब्बा गज़ पर फैले हुए रिहायशी इलाक़े पर क़बज़ा कर लिया गया है जहां मुअम्मर क़ज़ाफ़ी मुक़ीम थे।