लीबिया में नई उबूरी कौंसल ने इक़तिदार सँभाल लिया

मुस्तफ़ा अबदुलजलील की तरह बुल्स में आमद बनी वलीद मैं क़ज़ाफ़ी के वफादारों ने बाग़ीयों को पसपा कर दिया
तरह बुल्स11/सितंबर ( ए पी) लीबिया के साबिक़ बाग़ीयों के सरबराह मुस्तफ़ा अबदुलजलील इस जंग ज़दा मुल्क में मुअम्मर क़ज़ाफ़ी के ज़वाल के बाद आज पहली मर्तबा दार-उल-हकूमत तरह बुल्स पहुंचे जहां उनका सुर्ख़ क़ालीन के साथ इंतिहाई पुरतपाक ख़ौरमक़दम किया गया । जो इस बात के अलामत है कि मुअम्मर क़ज़ाफ़ी की हुकूमत के बजाय उबूरी हुकूमत ने अन्नान इक़तिदार सँभाल लिया है। लेकिन नए क़ाइदीन इस वसीअ-ओ-अरीज़ मुल्क पर अपना कंट्रोल क़ायम करने की कोशिश कर रहे हैं तो दूसरी तरफ़ उन्हें क़ज़ाफ़ी के वफादारों से सख़्त मुज़ाहमत का सामना है । क़ज़ाफ़ी के आख़िरी ताक़तवर गढ़ बनी वलीद मैं माज़ूल क़ाइद के वफादारों ने साबिक़ बाग़ीयों की पेशक़दमी को घमसान लड़ाई के बाद पसपा कर दिया। जिस से अंदाज़ा होता है कि लीबिया में क़ज़ाफ़ी के वफादारों और बाग़ीयों के दरमयान जारी लड़ाई का ख़ातमा हनूज़ बहुत दूर है । क़ज़ाफ़ी के मुख़ालिफ़ फोर्सेस की क़ौमी उबूरी कौंसल के सरबराह मुस्तफ़ा अबदुलजलील आज तरह बुल्स के मुज़ाफ़ात में वाक़्य एयरफ़ोर्स अड्डा पर पहूंचे जहां उन के पुरतपाक इस्तिक़बाल केलिए सुर्ख़ क़ालीन बिछाई गई थी ।इन का ख़ौरमक़दम करने केलिए हज़ारों अफ़राद जमा हुए थे और एक मरहला पर अफ़रातफ़री जैसी सूरत-ए-हाल पैदा होगई जब जंगजूओं और सियोल हुक्काम ने उन के क़रीब होने के लिए एक दूसरे पर सबक़त लेने की कोशिश की । इसी दौरान दो गारडज़ आपस में झगड़े थे और एक गार्ड ने एक पिस्तौल निकाल कर हवा में फायरिंग कर दी ताहम वहां मौजूद अफ़राद ने इस गार्ड पर कंट्रोल करलिया। जंगजूओं ने दो उंगलीयों से फ़तह की अलामत वे दिखाते हुए अल्लाह अकबर के नारा लगाए । साहिली शहर ज़ावीया से ताल्लुक़ रखने वाले एक जंगजू लीडर अबदुल्लाह जज़ीमा ने जो नई क़ौमी उबूरी कौंसल के रुकन भी हैं । फ़िलहाल हमारे आगे सिर्फ जंगजूओं के सिवा-ए-और कुछ नहीं है ।सब से बड़ा चैलेंज मलिक को मुनज़्ज़म करना है जो फ़ौजी मुहिम से ज़्यादा सख़्त गीर और दुशवार गुज़ार है । उबूरी कौंसल में वज़ीर-ए-दाख़िला अहमद दरार ने मुस्तफ़ा अबदुलजलील का ख़ौरमक़दम किया और मुस्कुराते हुए कहा कि हम उन के बड़े पैमाने पर अवामी इस्तिक़बाल की तवक़्क़ो कर रहे थे । लेकिन इस किस्म की सादा ख़ैरमक़दमी तक़रीब की तवक़्क़ो ना थी ।