लूट खसूट, दीनी ही नहीं दुन्यावी एतबार से भी नुक़्सान देह‌

मुफ़्ती महमूद ज़ुबैर क़ासमी प्रेस सेक्रेटरी जमीयत-ए-उलमा आंधरा प्रदेश के प्रेस नोट के मुताबिक़ मनी कोंडा वक़्फ़ अराज़ी के मुताल्लिक़ हाइकोर्ट के हालिया वाज़िह फ़ैसला का खेमक़दम करते हुए सदर जमीयत-ए-उलमा आंधरा प्रदेश मौलाना मुफ़्ती ग़ियास उद्दीन रहमानी क़ासमी ने कहा कि इस फ़ैसला ने दीगर ओक़ाफ़ी आराज़ीयात के सिलसिला में जद्द-ओ-जहद करने वालों के लिए बड़ा हौसला और उम्मीद पैदा की है।

उन्हों ने कहा कि वक़्फ़ अल्लाह और बंदा के दरमयान का एक मुआमला है। उन्हों ने कहा कि वक़्फ़ अम्लाक के सिलसिला में होने वाली लूट खसूट जिस में मुस्लमानों की ग़फ़लत और मुजरिमाना ख़ामोशी का भी बड़ा दख़ल है। मिल्लत-ए-इस्लामीया के लिए दीनी ही नहीं बल्कि दुनियावी एतबार से भी बड़े नुक़्सान का बाइस है।

इस मौक़ा पर जमीयत-ए-उलमा आंधरा प्रदेश के जनरल सेक्रेटरी मौलाना महमूद अली पटेल क़ासमी ने कहा कि जमीयत-ए-उलमा हिंद ने हमेशा सयानत औक़ाफ़ को अपने एजंडे में रखा है और इस जागीर के सिलसिला में भी वो अपनी ख़ामोश ख़िदमात का एक रेकार्ड रखती है।

उन्हों ने कहा कि अगर हाइकोर्ट के इस फ़ैसला को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया जाता है तो जमीयत-ए-उलमा बहैसीयत एक फ़रीक़ सुप्रीम कोर्ट में दरगाह हज़रत हुसैन शाह वली की वक़्फ़ अराज़ी की हिफ़ाज़त के लिए मुक़द्दमा लड़ेगी। उन्हों ने कहा कि जिन जिन अफ़राद, इदारों और जमातों ने अल्लाह की इस अराज़ी की हिफ़ाज़त के लिए इख़लास पर मबनी काविशें की हैं वो तमाम ही बारगाह ख़ुदावंदी से अज्र-ओ-सवाब, ख़ुशनुदी-ओ-रज़ा के मुस्तहिक़ हैं। अल्लाह हर एक की काविश को क़बूलीयत से सरफ़राज़ फ़रमाए।