लेग स्पिनर और कॉमेंटेटर रिची बेनॉड का इंतेक़ाल

सिडनी: आस्ट्रेलिया के दिग्गज क्रिकेटर और अपनी कमेंटरी के लिए मद्दाहों के बीच मशहूर रिची बेनो का जुमेरात की रात सिडनी में इंतेक़ाल हो गया. क्रिकेट आस्ट्रेलिया ने जुमे के रोज़ यह इत्तेला दी. बेनो 84 साल के थे. क्रिकेट में उनकी पहचान लेग स्पिन गेंदबाज और खतरनाक बल्लेबाज के तौर पर थी.

वह लंबे दिनो से कैंसर से मुतास्सिर थे और साल -2013 में सिडनी में अपने घर के पास हुए एक कार हादिसे का भी शिकार हुए थे. इससे भी उनके सेहत पर बुरा असर पड़ा.

बेनो ने 1964 में 63 टेस्ट मैचों के बाद क्रिकेट से रिटायरमेंट ले लिया था. रिटायरमेंट के वक्त वह 248 विकेट के साथ टेस्ट मैचों में आस्ट्रेलिया की ओर से सबसे ज़्यादा विकेट हासिल करने वाले गेंदबाज थे.

उनकी गिनती आस्ट्रेलिया के ऐसे कप्तानों में भी होती है जिनकी कियादत में कंगारू टीम कभी नहीं हारी.

बेनो के क्रिकेट करियर का सबसे दिलचश्प मैच 1960-61 में वेस्टइंडीज और मेजबान आस्ट्रेलिया के बीच गाबा मैदान पर खेला गया टेस्ट मैच रहा. यह मैच टेस्ट क्रिकेट की तारीख का पहला टाई मैच रहा.

इस नतीजे ने 1950 के दहा तक बेहद सुस्त रहे टेस्ट क्रिकेट को भी नया शक्ल देने में बड़ी मदद की और जारिहाना क्रिकेट मैदान पर खेला जाने लगा.

बेनो ने 28 टेस्ट मैचों में टीम की कियादत किये और ऐसे पहले आस्ट्रेलियाई कप्तान भी रहे जिन्होंने पाकिस्तान में सिरीज जीते.

बेनो बल्लेबाज के तौर पर भी अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहे और अपने करियर में तीन सेंचरी लगाए. इसमें दो जुनूबी अफ्रीका के खिलाफ रहे. उनके नाम कुल 2,201 रन हैं.

बेनो ने 1960 के दहा में ‘बीबीसी’ के लिए बतौर कमेंटेटर काम करने लगे. इसके बाद 1977 में केरी पैकर्स के वर्ल्ड सीरीज क्रिकेट टूर्नामेंट में कमेंटरी करने के लिए आस्ट्रेलिया के चैनल नाइन से भी जुड़े.

क्रिकेट की उनकी बेहतर समझ और हाजिरजवाबी ने जल्द ही उन्हें बतौर कमेंटेटर भी मद्दाहो के बीच मकबूल बना दिया.

बेनो को 2007 में हुए एलन बॉर्डर एजाज की तकरीब में क्रिकेट आस्ट्रेलिया के ‘हॉल ऑफ फेम’ में जगह दी गई. इसके दो साल बाद आईसीसी के ‘हॉल ऑफ फेम’ की फहरिस्त में भी उन्हें शामिल किया गया.