सऊदी अरब के ज़िम्मेदार ओहदेदार ने सरकारी ख़बररसां एजेंसी एस पी ए को बताया है कि ममलकत, लेबनानी फ़ौज और दाख़िली सलामती के इदारों को असलाह फ़राहमी बंद कर देगी क्योंकि बेरूत का हालिया मौक़िफ़ दोनों मुल्कों के दरमयान बिरादराना ताल्लुक़ात का अक्कास नहीं है।
ज़राए ने मज़ीद बताया कि ममलकत सऊदी अरब ने हालात को इस नहज पर ना लाने की मक़दूर भर कोशिशें कीं और साथ ही लेबनानी अवाम के तमाम फ़िर्क़ों के साथ खड़ा रहना चाहा क्योंकि वो लेबनान के लिए अपनी इमदाद जारी रखना चाहता था।
लेकिन हालिया पैदा शूदा सूरते हाल के बाद वो ऐसा करने की पोज़ीशन में नहीं। सऊदी अरब को यक़ीन है कि बेरूत का मौजूदा नुक़्ता-ए-नज़र बिरादर लेबनानियों के मौक़िफ़ का अक्कास नहीं।
सऊदी ज़राए ने अपने बयान के इख़तेताम पर कहा कि रियाज़, लेबनान के बाअज़ ओहदेदारों बाशमोल वज़ीरे आज़म तमाम सलाम के नुक़्ता-ए-नज़र की तहसीन करता है जिसमें उन्होंने सऊदी अरब का साथ देते हुए यकजहती का इज़हार किया है।
सऊदी अरब, बिरादर लेबनानी अवाम के साथ अपने मुनफ़रद नुक़्ता-ए-नज़र पर फ़ख़र का इज़हार करता है और हमेशा उन्हें मज़बूत करते हुए मज़ीद तरक़्क़ी देने का ख़ाहां रहा है।