मर्कज़ी वज़ीरे अकलियती उमोर रहमान ख़ां ने दरगाह हज़रत हुसैन शाह वली(RH) की मनी कोंडा में वाक़्ये वक़्फ़ ज़मीं के बारे में अदालत के बाहर लैंको हिलस के साथ मुआहिदा की इत्तेलाआत की सख़्ती से इंकार की।
रहमान ख़ां ने आज वक़्फ़ बोर्ड के दफ़्तर में वज़ीरे अकलियती बहबूद अहमद उल्लाह, सदर नशीन वक़्फ़ बोर्ड मौलाना सय्यद ग़ुलाम अफ़ज़ल ब्याबानी ख़ुसरो पाशाह और सदर नशीन अकलियती कमीशन आबिद रसूल ख़ां के साथ रियासत में ओक़ाफ़ी जायदादों के तहफ़्फ़ुज़ के सिलसिले में किए जा रहे इक़दामात का जायज़ा लिया।
उन्होंने वक़्फ़ ऐक्ट 1995 में की गई हालिया तरमीमात(संशोधन) के पसे मंज़र में बोर्ड को हिदायत दी कि वो ओक़ाफ़ी जायदादों के तहफ़्फ़ुज़ के इक़दामात करे।
बाद में प्रेस कांफ्रेंस से ख़िताब करते हुए रहमान ख़ां ने लैंको हिलस की ज़मीं के मसले पर अदालत के बाहर तसफ़ीये से मुताल्लिक़ इत्तेलाआत को महिज़ अफ़्वाह क़रार दिया।
उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में बाअज़ गोशे उनके ख़िलाफ़ मुहिम चला रहे हैं जबकि इन ख़बरों में कोई सच्चाई नहीं। मर्कज़ी वज़ीर ने लैंको हिलस के मसले पर अदालत के बाहर तसफ़ीये के सिलसिले में उनकी शख़्सी दिलचस्पी से भी इंकार कीया और कहा कि वो बहैसीयत वज़ीरे अकलियती बहबूद इस ज़मीं के तहफ़्फ़ुज़ के लिए हर मुम्किन इक़दामात करेंगे।
उन्होंने बताया कि इन का मक़सद इस ज़मीं को बचाना है और चूँकि ये मुआमला सुप्रीम कोर्ट में ज़ेर दौरान है लिहाज़ा वो कुछ ज़्यादा तबसरा करना नहीं चाहते।
रहमान ख़ां ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में मुक़द्दमा की बेहतर पैरवी के लिए माहिरीन पर मुश्तमिल कमेटी तशकील दी गई है ताकि इस क़ीमती ज़मीं को हासिल किया जा सके।
मर्कज़ी हुकूमत मुक़द्दमा की कामयाब पैरवी के सिलसिले में वक़्फ़ बोर्ड से हर मुम्किन तआवुन के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि अदालत के बाहर तसफ़ीये के सिलसिले में मैनेजिंग कमेटी और लैंको हिलस के दरमयान मुफ़ाहमती कोशिशों की इत्तेलाआत का जायज़ा लेकर मुनासिब कार्रवाई की जाएगी।
रहमान ख़ां ने शमसआबाद इंटरनेशनल एरपोर्ट और लैंको हिलस की ज़मीं के बारे में हैदराबाद के उर्दू अख़बारात के मुदीरेन जनाब ज़ाहिद अली ख़ां और सय्यद विक़ार उद्दीन की तरफ से सदर कांग्रेस सोनिया गांधी से दो साल पहले की गई नुमाइंदगी से लाइलमी का इज़हार किया।
उन्होंने कहा कि दो साल पहले वो राज्य सभा के नायब सदर नशीन थे, विज़ारत अकलियती बहबूद और सेंट्रल वक़्फ़ कौंसिल में इस तरह की कोई फाईल रवाना नहीं की गई है। उर्दू अख़बारात के मुदीरेन ने सोनिया गांधी से मुतालिबा किया था कि जी एम आर कंपनी और वक़्फ़ बोर्ड को एरपोर्ट में शराकतदार बनाया जाये।