डर डर के शेख़ पढ़ते हैं लाहौल आजकल
शैतां के पास रहता है पिस्तौल आजकल
मोटर भगाए फिरता है लैला के वास्ते
मजनूं को है ज़रूरते पैट्रोल आजकल
डर डर के शेख़ पढ़ते हैं लाहौल आजकल
शैतां के पास रहता है पिस्तौल आजकल
मोटर भगाए फिरता है लैला के वास्ते
मजनूं को है ज़रूरते पैट्रोल आजकल